Article By ANAND VISHWAKARMA

Tuesday, 30 January 2018

आज पूर्णिमा को पहली बार इस कारण रहेंगे बंद मां विजयासन के पट

निज संवाददाता रेहटी 


मां विजयासन धाम सलकनपुर में इन दिनों माघ मेला सलकनपुर चल रहा है। माघ मेले के दौरान 15 दिनों तक माता के दरबार में मुंडन और तुलादान करने वाले लाखो श्रद्धालु परिवार सहित माता के दरबार पहुंचते हैं। और मुंडन तुलादान कराकर भंडारा कराते हैं। आज बुधवार को सुबह 8 बजे से माता के पट बंद रहेंगे। जो गुरूवार सुबह 4:45 बजे खुलेंगे। पूर्णिमा के दिन माघ मेले का समापन भी है। यहां कइ्र्र भंडारे प्रतिदिन माता के दरबार में चल रहे हैं। इन भंडारोंं में कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो 50 से 100 किमी की पदयात्रा करके सैकड़ो श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचे हैं। और प्रसादी चड़ाई है। दर्शन किए हैं। 
कई वर्षों में पहली बार रहेंगे पट बंद पूर्णिमा के दिन

अमावस्या से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक चलने वाला माघ मेला 132 वर्षों से निरंतर लगता आ रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि माता के दरबार में आज बुधवार को मेले का समापन है और निशान चडऩा है वहीं सुबह 8 बजे माता के दरबार के पट बंद हो जाएंगे। जो गुरूवार सुबह 4:45 पर खुलेंगे। क्योंंकि इस दिन चन्द्र ग्रहण लगने वाला है। और चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक रहता है। ऐसे में सभी भगवान के मंदिरो के द्वार बंद रहते हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब पूर्णिमा के दिन जिस दिन निशान चडऩा है उसी दिन मंदिर के दरबार पूरे दिन बंद रहेंगे। जो गुरूवार प्रात: ४:४५ पर ही प्रथम आरती के दौरान खुलेंगे। यह बात व्यापारियों के लिए भी चकित करने वाली है क्योंंकि माता के दरबार में पूर्णिमा के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और जमकर दुकानदारों की ग्राहकी होती है। महंत प्रभुदयाल ने बताया कि ग्रहण के दौरान माता के द्वार बंद रखे जाते हैं। इसलिए ऐसा माता के दरबार में हो रहा है। 
फिर कैसे चड़ाया जाएगा ध्वज
चंद्र ग्रहण के कारण माता के दरबार में चड़ाने वाला माघ मेले का पूर्णिमा का ध्वज सुबह 8 बजे से पहले प्रात: कालीन आरती के बाद चड़ाया जाएगा। स्मरण रहे कि अमावस्या को नायक बाबा के स्थान पर ध्वज पूजा कर मेले का शुभारंभ किया जाता है। और किसी ध्वज को नायक बाबा के स्थान से माता के दरबार ले जाकर पूर्णिमा को चड़ाया जाता है। 

1 comment:

  1. सुन्दर प्रस्तुति। मेला के मेरे में बहुत अच्छी बात कही। मेरे लेख को भी देखें माघ मेला

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