रेहटी क्षेत्र के गांव रेउगांव में नर्मदा पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जहां इस कथा का शुभारंभ गुरूवार को साध्वी श्री अखिलेश्वरी दीदी मां
के द्वारा कलश व पोथी यात्रा के साथ
हुआ। कलश यात्रा मां नर्मदा से शरू होकर कथा स्थल तक बड़े धूम धाम से पहुची।
संगीतमय कथा का प्रारंभ मां की स्तुति के साथ हुआ दीदी मां ने बताया की
भगवान शिव के पसीने से मां नर्मदा प्रकट हुई। इनका उद्गम स्थान अमरकंटक है।
मां नर्मदा इतनी महान है कि इनका हर एक पत्थर शिव का रूप है स्वयं शिव
पार्वती व अन्य देवता नर्मदा के किनारे निवास करते है। ओर शिव ने ही इनको
नाम दिया जिसका अर्थ है नरम यानी आनंद ओर दा यानी देने वाली मतलब आनंद देने वाली ।
दीदी मां ने बताया कि नर्मदा के घाटों की सच्चे मन से
परिक्रमा करने से मनुष्य को सभी कष्टों से निजात मिल जाती है।जैसे गंगा
स्नान से सारे पाप धुल जाते है वैसे ही मां नर्मदा के घाटों की जो सच्चे मन
से परिक्रमा करते हैं। मां नर्मदा उनके सभी दुखों का समाप्त कर उनके जीवन
को सुखदायी बना देती है।
साथ ही उन्होने नर्मदा स्वच्छता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नर्मदा की पूजा केवल आराधना, दीपदान करने से नही होती। आज के समय में मां नर्मदा को प्रदूषित किया जा रहा है। जो कि सही नही है, नर्मदा हमारी मां है जीवनदायिनी है, अत: हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम मां नर्मदा में गंदगी न फैलाए, मां नर्मदा को प्रदूषित होने से रोके। तभी हमारी आराधना, पूजा सार्थक हो सकती है।
साथ ही उन्होने नर्मदा स्वच्छता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नर्मदा की पूजा केवल आराधना, दीपदान करने से नही होती। आज के समय में मां नर्मदा को प्रदूषित किया जा रहा है। जो कि सही नही है, नर्मदा हमारी मां है जीवनदायिनी है, अत: हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम मां नर्मदा में गंदगी न फैलाए, मां नर्मदा को प्रदूषित होने से रोके। तभी हमारी आराधना, पूजा सार्थक हो सकती है।
कथा वाचन समय साध्वी श्री अखिलेश्वरी दीदी मां के द्वारा 25 से 31 जनवरी तक प्रतिदिन 12 से 3 बजे तक रहेगा।
एवं हवन यज्ञ समय प्रतिदिन प्रातः 8 से 11 व अपराह्न 4 से 6 बजे तक रहेगा।
यहाँ नीचे क्लिक कर जानिए
मां नर्मदा की अद्भुद कहानी
यहाँ नीचे क्लिक कर जानिए
मां नर्मदा की अद्भुद कहानी
No comments:
Post a Comment