Article By ANAND VISHWAKARMA

Sunday, 14 January 2018

17 सालों बाद बन रहा है रविवार और मकर संक्राति का ऐसा संयोग

वैसे तो पूरे साल में 12 बार संक्रांति होती है। दरअसल सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना संक्रांति कहलाता है। लेकिन इन 12 संक्रांतियों में से सबसे महत्वपूर्ण होती है मकर संक्रांति। इस साल की मकर संक्राति थोड़ी खास हो जाएगी क्‍योंकि 17 साल बाद रविवार और मकर संक्राति का संयोग बन रहा है, जी हां इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति रविवार को मनाई जाएगी। इससे पहले 2001 में रविवार को संक्रांति आई थी।



रविवार का कारक ग्रह सूर्य है और संक्रांति भी सूर्य देव का ही पर्व है। इस कारण 2018 की मकर संक्रांति का महत्व और अधिक बढ़ गया है। सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होगा। वैसे पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। वैसे भी इस दिन की महिमा को देखते है हिंदू धर्म में इस दिन खूब दान-पुण्‍य किया जाता है।

उतरायण या मकर संक्राति के मौके पर दान-पुण्य के अलावा पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। इन दिन किए गए पूजा-पाठ से सभी दुखों से मुक्ति मिल सकती है। ज्योतिष के अनुसार इस संक्रांति पर राशि अनुसार दान करने से कुंडली के दोषों दूर होते हैं और सभी बाधाएं खत्म हो जाती है।

पूजन के बाद दान जरूर करें। कहते हैं कि इस मौके पर किया गया दान सौ गुना होकर वापस फलीभूत होता है। मकर संक्रान्ति के दिन तिल, गुड़, कंबल, खिचड़ी दान का खास महत्व है। जानिए संक्रांति पर राशि अनुसार किन चीजों का दान करना चाहिए...


यह है संयोग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दोपर दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर होगा। देवी पुराण के अनुसार संक्रांति से 15 घटी पहले और बाद तक का समय पुण्यकाल होता है। संक्रांति 14 तारीख की दोपहर में होने की वजह से साल 2018 में मकर संक्रांति का त्योहर 14 जनवरी को मनाया जाएगा और इसका पुण्यकाल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक होगा जो बहुत ही शुभ संयोग है क्योंकि इस साल पुण्यकाल का लाभ पूरे दिन लिया जा सकता है।
दान देने के लिए है ये है मूहूर्त
15 जनवरी को उदया तिथि के कारण भी मकर संक्रांति कई जगह मनाई जाएगी। इस दिन मकर राशि में सूर्योदय होने के कारण करीब ढ़ाई घंटे तक संक्रांति के पुण्यकाल का दान पुण्य करना भी शुभ रहेगा। इसलिए इस साल मेघ मेले में मकर संक्रांति का स्नान दोनों दिन यानी 14 और 15 जनवरी को होगा।


मेष
इस राशि के लोग दर्पण, मच्छरदानी, तिल का दान करें।
वृष
ये लोग ऊनी वस्त्र और अनाज का दान करें।

मिथन
इन लोगों को कंबल, तिल के लड्डू का दान करना चाहिए।
कर्क
कर्क राशि के लोग साबूदाना, शहद का दान करें।
सिंह
जिन लोगों की राशि सिंह है, वे लोग चने की दाल, घी का दान करें।
कन्या
चादर और गर्म वस्त्रों का दान गरीबों को करें।
तुला
ये लोग गुड़ तिल का तेल और चावल का दान करें।
वृश्चिक
दूध, दही और तिल से बने व्यंजन का दान करें।
धनु
इस राशि के लोग गाय को घास खिलाएं और हल्दी का दान करें।
मकर
मकर राशि के लोग उड़द की दाल, सरसों तेल और राई का दान करें।
मीन
मीन राशि वाले इस दिन गरीबों को गेहूं, गुड़ और कंबल का दान करें।

मकर संक्रांती पर किया नर्मदा में स्नान

मकर संक्रांती पर रविवार को रेहटी क्षेत्र के तीर्थ स्थल आंवलीघाट, नेहलाई घाट, जहाजपुरा घाट, सातधारा, बाबरी, पथौड़ा के नर्मदा तटों पर स्नान दान पूजा अर्चना करने वालों की भारी भीड़ जमा थी। सबसे अधिक भीड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल आंवलीघाट पर देखी गई। जहां मकर संक्रांती पर तीस हजार से अधिक लोगों ने नर्मदा में स्नान कर पूजा अर्चना की। वहीं तिल, गुड़, अन्न का दान किया। मां विजयान धाम सलकनपुर में भी मां विजयासन के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। मकर संक्रांती पर भारी संख्या में जगह-जगह पुलिस बल तैनात था। 
  रौजाना रेहटी की खबर पाने के लिए view my complete profile पर क्लिक कर follow आप्शन पर क्लिक करें।
100 गावों का 67 करोड़ की सीसी सड़क़ से होगा कायाकल्प




निज संवाददाता रेहटी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 गांवो से अधिक ग्रामीणों के लिए 67 करोड़ रूपए की सडक़ देकर इन ग्रामीणों का कायाकल्प किया है। कलवाना से चींच सीसी सडक़ निर्माण जो 21 किमी तक बनाई जा रही है। इस महत्वपूर्ण सीसी सडक़ की चौड़ाई 23 फीट है। और शोल्डर मिलाकर इसकी चौड़ाई 40 फीट है। यह सीसी सडक़ जून 2018 में बनकर १०० गांव के ग्रामीणो के लिए आवागमन में पूरी तरह सुविधाजनक सावित होगी। वहीं इस मार्ग से लोग नसरूल्लागंज न जाते हुए सीधे नीलकण्ठ नर्मदा तट भी जा सकते हैं। जिससे लोगों को दूरी कम पड़ेगी। पीडब्लूडी की देखरेख में और हिलवेज कन्सट्रक्शन कंपनी प्रा. लि. भोपाल द्वारा यह करोड़ो की सडक़ बनाई जा रही है। जहां अभी तक कलवाना से चंद्रपुरा तक एक पट्टी सीसी सडक़ निर्माण कराया जा चुका है। यह मार्ग पहले पूरी तरह से गड्डो में तब्दील था। और जर्जर सडक़ पर ग्रामीणों का चलना दूभर होता था। जिसमें आए दिन दुर्घटनाएं भी घटित होती रहती थी। लेकिन इस मार्ग के बन जाने से ग्रामीणों का एक सुगम भरा आवागमन हो सकेगा।

इस मार्ग के बनने से नीलकण्ठ नर्मदा तट की दूरी होगी कम
६७ करोड़ की लागत से बनने वाला कलवाना से चींच सीसी सडक़ निर्माण बनने से नर्मदा तट नीलकंठ तक भी लोग बाईपास नीलकंठ पहुंच सकेंगे। पहले नीलकंठ जाने के लिए नसरूल्लागंज से जाना पड़ता था। इस मार्ग सीसी सडक़ मार्ग के नीलकंठ नर्मदा तट जाने के लिए कम समय लगेगा। वहीं १० से १२ किमी दूरी की कमीं होगी।
बरसात के पूर्व काम पूर्ण करने का लक्ष्य
ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए इस करोड़ो के सीसी सडक़ निर्माण को निर्माण ऐजेंसी हिलवेज कन्सट्रक्शन कंपनी प्रा. लि. भोपाल देड़ वर्ष में ही पूर्ण करना चाहती है। जबकि इस मार्ग की पूर्ण होने की अवधि २ वर्ष है। सीसी सडक़ निर्माण का कार्य ऐजेंसी बहुत तेजी से करा रही है। ताकी अपने लक्ष्य में सफल हो सके।

निर्माण ऐजेंसी को नहर के पानी के कारण काम कराने में आई बाधा

कलवाना से चींच सीसी सडक़ जो निर्माणाधीन है। जो कोलार नहर के साईड से यह सडक़ निकली है। जहां दो माह तक नहर में पानी चलने से सीवेज का पानी सडक़ के गढ्डों में भर जाने से ऐजेंसी को काम कराने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा।

करोड़ो की सडक़ कई नर्मदा तट घाटो को जोडग़ी 
कलवाना से चींच बनने वाले सीसी सडक़ जो नर्मदा तट डिमावर, बाबरी, श्यामुगांव सहित कईं नर्मदा तटों को जोडऩे वाली सडक़ सावित होगी। जहां लोगों को इन नर्मदा तटों तक पहुंचने में कई परेशानियोंं का सामना करना पड़ता था। जहां सडक़ पूर्ण होने से अब ग्रामीण इन नर्मदा तटों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

क्या कहना है अधिकारियों का
करोड़ो की सडक़ में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। गुणवत्ता आने के बाद ही सीसी सडक़ का काम आगे बड़ाया जाता है। गुणवत्ता में कोई कमीं नही रखी गई है। विभाग के अधिकारी अपनी उपस्थिति में काम को अंजाम दे रहे हैं।
आरिफ अहमद गौरी, एसडीओ लोनिवि बुदनी
  रौजाना रेहटी की खबर पाने के लिए view my complete profile पर क्लिक कर follow आप्शन पर क्लिक करें।


No comments:

Post a Comment