Article By ANAND VISHWAKARMA

Monday, 3 October 2016

नवरात्र के तीसरे दिन 50 हजार भक्त पहुंचे मां विजयासन दरबार

निज संवाददाता रेहटी
मां विजयसान दरबार में भक्तों की भक्ति के आगे सब नत मस्तक है। क्योंकि नवरात्र में माता के दरबार में अनेक प्रकार के भक्त पहुंच रहे हैं। जिन्हें देखते ही बनता है। बरैली से पदयात्रा करके आ रहे रामसखा गूजर ने बताया कि वे 35 वर्षों से पदयात्रा करके आ रहे हैं। आज उनकी उम्र 35 वर्ष है। फिर भी सेकड़ो किमी की पदयात्रा में उन्हें अभी थकान नही है। और ना ही वे व्रत के दौरान कुछ ग्रहण करते हैं। सिर्फ फलाहार पर ही 9 दिन व्रत रखते हैं। ऐसे हजारों किस्से पदयात्रा में चल रहे माता के भक्त बता रहे हैं। 100 किमी से अधिक की भक्तों की लाईन देखते ही बनती है। पीपरिया से होशंगावाद, बुदनी, सलकनपुर तक माता के भक्तों की लाईन चार दिनों से टूट नही रही है। माता की अटूट श्रद्धा और विश्वास के चलते हजारों टोलियां जिनमें बच्चे, बूड़े, जवान, महिला-पुरूष शामिल है। माता के जयकारों के साथ पदयात्रा कर रहे हैं। बैतूल, शाहपुरा, भौरा, इटारसी से पदयात्रा करके और दंडवत यात्रा कर आ  रहे किशन सिंह ने बताया कि मेरे परिवार में कोई पुत्र नही था। माता से प्रार्थना की इसके बाद मेरे परिवार में दो पुत्रों का जन्म हुआ। तभी मैने माता के दरबार में दंडवायात्रा कर आने का संकल्प लिया था, जिसे मैं पूरा कर रहा हूं। 20 दिन में माता के दरबार दंडवत  पहुंच रहा हूं। यह मन्नत मेरी मुराद पूरी करने से बड़ी तपस्या नही है। मुझे दंडवत आने में कोई परेशानी नही हुई है। और माता के भक्त मुझे सहयोग कर रहे हैं। खातेगांव से आ रहे पदयात्री संदीप मालवीया ने बताया कि वे पिछले 5 वर्षों से बिना कोई मन्नत के मां के दरबार पहुंच आ रहे हैं। विजयासन माता बिना कहे ही मेरी हर मुराद पूरी कर देती हैं। 
माता के दरबार में सोमवार को हुई भीड़ कम
रविवार को माता के दरबार में भारी भीड़ रही। जिसमें तीन से चार घंटों तक लंबी-लंबी कतारें लगती रही। वहीं सोमवार को माता के भक्तों की संख्या कम हो गई। जो मात्र 50 श्रद्धालुओं तक ही सिमट कर रह गई। लेकिन इनमें सबसे अधिक श्रद्धालु पदयात्रा करके आने वाले श्रद्धालु हैं। इनमें भी महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। जो सेकड़ो किमी से पदयात्रा करके बच्चों सहित माता के दरबार पहुंच रही है। रूकमणि बाई, रामभरोस अपने दो बच्चों को गोद में लेकर 48 किमी पदयात्रा करके माता के दरबार पहुंचे। 
सलकनपुर में बच्चे अब नही करेंगे भिक्षावृत्ति
बाल कल्याण समिति ने सलकनपुर पहुंचकर सीड़ी और मंदिर के आसपास भिक्षावृ़त्ति करने वाले बालकों को ग्राम पंचायत सलकनपुर में एकत्रित किया। और उनके परिजनों को बुलाकर हिदायत दी। कि वे माता के दरबार में स्वयं और परिवार के बालक बालिकाओं से भिक्षावृत्ति न कराए। भिक्षावृत्ति करवाई गई तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जो बच्चे सलकनपुर में भिक्षावृत्ति करते प्रशासन को मिले उनमें 14 नाबालिग बालक-बालिकाएं हैं। जिनके माता-पिता भी वहीं पर थे। और उनसे भिक्षावृत्ति करा रहे थे। समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने समझाईस दी और बताया कि आगे से वे अपने बच्चों से भिक्षावृत्ति न कराएं। बाल कल्याण समिति जिला सीहोर के बृजेश चौहान अध्यक्ष ने ग्राम सलकनपुर में ग्राम पंचायत सभाक क्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें समिति के अध्यक्ष बृजेश चौहान, चंदा जैन, रामस्वरूप साहू, जुगल किशोर पटेल, प्रदीप मीना प्रभारी बाल कल्याण समिति, एमआर उईके उप निरिक्षक, केएम खीची, श्रम अधिकारी रवि कुशवाह, सामाजिक कार्यकर्ता नेमनामथ मरावी, सरपंच विपत सिंह उईके, भगवान सिंह चंद्रवंशी, पिंटू केवट अध्यक्ष जल समिति, विनय दुवे, अतुल पंचलासमा, प्रकाश दायमा प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यशाला में बृजेश चौहान ने कहा कि बच्चों से भीख मंगवाना दंडनीय अपराध है। इस अपराध को रोकने के लिए सलकनपुर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। और प्रशासन को चेताया कि वे हर समय भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों पर निगरानी रखे। और किसी भी हाल में भिक्षावृत्ति न करने दे। 

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नवरात्र का दूसरा दिन
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