Article By ANAND VISHWAKARMA

Sunday, 10 December 2017

ओवरलोड ट्रक डंपर बन रहे मौत के डंपर

रेत से भरे ओवरलोड डंपर और ट्रक लोगों की जानमाल के लिए खतरा बने हुए हैं। और इन डंपर और ट्रको से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। और लोग असमय ही काल की गाल में समा रहे हैं। बीते दिन भोमदा निवासी मोनू पिता संतोष तिवारी भी इस हादसे का शिकार हुआ। वहीं उसकी बहन पूजा और मां राधा गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसका रविवार को गमगीन माहोल में अंतिम संस्कार किया गया। चौकाने वाली बात यह है कि रेहटी मार्ग पर प्रतिदिन सेकड़ो डंपर, ट्रक चलते हैं जिनकी गति पर न तो पुलिस रोक लगा पा रही है ना ही खनिज विभाग। सबसे अधिक चौकाने वाली बात यह है कि खनिज विभाग का सलकनपुर के पास रेत के ओवरलोड चैक करने के लिए नाका लगा रखा है। लेकिन यहां के कर्मचारी ओवरलोड और अवैध रेत के वाहन निकाल रहे हैं। वह भी रिश्वत लेकर। ऐसे में नागरिको की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। वर्ष भर में एक दर्जन से अधिक मौत रेत के डंपरो के कारण ही हुई है। वहीं नगर पंचायत भी उदासीन बनी हुई है। बार-बार डिवाइडर से टकराकर हो रही दुर्घटनाओं पर विराम लगाने के लिए नगर परिषद ने कहीं भी स्पीड बेक्रर बनवाना उचित नही समझा है। वहीं सडक़ों पर अतिक्रमण भी ही दुर्घटना का परियाय बना हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि 24 घंटे निकलने वाले रेत के डंपर और ट्रकों की गति पर रोक लगना अनिवार्य है। और नगर परिषद को चाहिए कि नगर के 3 किमी सडक़  पर स्पीड ब्रेकर बनवाना चाहिए। और खनिल विभाग को चाहिए की ओवरलोड ट्रकों पर प्रतिबंध लग सके। 
3 दिन बाद भी दिनेश के हत्यारो तक नही पहुंची पुलिस
ltr. Dinesh sen
निज संवाददाता रेहटी
दिनेश सेन की हत्या के मामले में तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण कर चुके हैं। लेकिन आरोपियों तक पुलिस के हाथ अभी तक नही पहुंच पाए हैं। ना ही इस बात का पता लग पाया है कि बुधवार की शाम 7 बजे के बाद दुकान से दिनेश सेन को बुलाकर कौन ले गया था और किन-किन लोगों के पास बैठकर चर्चा की गई। मृतक दिनेश सेन के भाई अनिल सेन ने बताया कि भैया 7:20 बजे सेलून सेंटर से गए और लेट आने का बोला था। रात्रि 10 बजे घर पहुंचने पर भी दिनेश घर नही पहुंचा तो टेलीफोन से संपर्क किया लेकिन वह भी बंद बताया। लेकिन इस विषय पर पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नही है। बल्कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेने का आश्वासन पुलिस की ओर से मिल रहा है। 
दिनेश सेन की हत्या के मामले में कुछ अनसुलझे प्रश्र चर्चा का विषय
दिनेश सेन गोंडीगुराडिय़ा नहर पर कैसे पहुंचा। हत्या के दौरान उपयोग किया गया छुरा  नहर के पूर्वी ओर पड़ा हुआ मिला। वहीं पर मोबाईल की सिम जो टुटी हुई थी का टुकड़ा पुलिस को मिला। लेकिन शव नहर के पश्चिम किनार पर नहर से कुछ दूरी पर पड़ा हुआ मिला था। इन सब प्रश्रों को पुलिस गंभीरता से नही ले रही है और अब परिवार के लोगों से पूछताछ करने पर और कॉल डिटेल आने पर पीएम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई आगे बडऩे की बात कर रही है। इस अपराध को लेकर आमजन में दहशत का माहोल है। किसानो ने रात में अपने खेतों में पानी देने जाना भी बंद कर दिया है। वहीं 7 बजे के बाद इस नहर मार्ग से आवागमन कम हो गया। अब देखना है कि दिनेश की हत्या के आरोपियों तक पुलिस कब तक पहुंच पाती है। 
अपने अधिकार समझे दूसरे के अधिकारो का हनन न करना भी मानवाधिकार की रक्षा है-न्यायाधीश
निज संवाददाता रेहटी
हमें अपने अधिकारोंं के प्रति सचेत रहना चाहिए। वहीं दूसरे के अधिकारों का हनन न हो ऐसे काम भी नित्य क्रिया में शामिल करना चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए छात्र जीवन से ही अधिकारो के प्रति सचेत और सजग रहने की आवश्यकता है। किसी छात्रा के साथ अधिकारों के हनन की घटना होती है तो उसे दबाना नही चाहिए। पूरी ताकत से उसके विरोध में खड़े होना चाहिए। और अपने अधिकारो के प्रति संघर्ष करना चाहिए। ऐसा करने से समाज में प्रेरणा आएगी और मानवाधिकार दूसरो के भी सुरक्षित होंगे। यह बातें रविवार को गल्र्स हायर सेकेण्डरी स्कूल रेहटी में आयोजित महिला अधिकार, मानवाधिकार विचार संगोष्ठी पुरुस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए न्यायधीश आदित्यरावत ने कही। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में एडवोकेट सुनील दुवे, गोविंद रघुवंशी, चंद्रकिशोर यादव, योगेश पांडे शामिल रहे। कार्यक्रम के दौरान संगौष्ठी में विजेता तीन छात्राओं का प्रोत्साहन पुरुस्कार भी भेंट किए जिनमें प्रथम अरूणा हुकुम ङ्क्षसह सिंह कक्षा ११वीं, द्वितीय पूनम साहू क क्षा १०वीं, सोनम साहू कक्षा १०वीं को तृतीय प्रोत्साहन पुरुस्कार दिया गया। यह पुरुस्कार महिला एवं मानवाधिकारों को लेकर संगौष्ठी कार्यशाला का आयोजन 8 दिसंबर को कन्या हायर सेेकेण्डरी स्कूल रेहटी में आयोजित किया गया था। जिसमें छात्राओं ने प्रमुखता से दोनो विषयों पर विचार रखे थे। इस प्रतियोगिता में तीन प्रतियोगियों को प्रोत्साहन पुरुस्कार न्यायाधीश बुदनी आदित्यरावत की ओर से प्रदान किए गए। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य राकेश राजवंशी, एडव्होकेट सुनील दुवे, गोविंद रघुवंशी, चंद्रकिशोर यादव, वीरेंद्र यादव, योगेश पांडे, शिक्षक चगदीश प्रसाद चौहान, राजीव शर्मा, प्रसांत राजपूत, मानसिंह सौलंकी, धर्मेंद्र चौकीकर, मनोज लोवंशी, प्रभात सिंह कनेल, रेखा अग्रवाल, विजेता ठाकुर, आशा यादव, सपना कीर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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