Article By ANAND VISHWAKARMA

Friday, 27 April 2018

एक साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, रिश्तेदार ही निकला दुस्कर्मी

प्रदेश सहित पूरे देश में बलात्कार की घटना रुकने का नाम नही ले रही है। हर 15 मिनट रिश्तो को तार-तार कर देने वाली तथा इंसानियत को झकझोर कर देने वाली घटना सुनने को मिल रही है।  एक ऐसी ही घटना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र निमोटा में घटित हुई। जहां 10 दिन पहले गर्मियों की छुट्टियों में अपनी बुआ के यहां माता-पिता व 3 वर्ष के भाई के साथ कुछ दिन के लिए आई 1 साल की मासूम बालिका के साथ उस के ही फूफा ने रात के अंधेरे में रिश्तों की हर दहलीज को पार करते हुए ज्यादती कर डाली।

     जानकारी के अनुसार घटना उस समय उजागर हुई जब 1 साल की पीड़िता रानी (परिवर्तित नाम) के पिता दीपू बारेला निवासी फेवरताल थाना होशंगाबाद 24 अप्रैल को अपने परिवार के साथ निमोटा से वापस इटारसी लौट गये। तब आरोपी जीवन सिंह उईके निवासी निमोटा थाना गोपालपुर तहसील नसरुल्लागंज की भाभी व मासूम पीड़िता की माँ की बहन फगुनी बारेला ने सारा घटनाक्रम मोबाइल पर अपनी बहन को बताया। घटना की जानकारी लगते ही पीड़िता  की माँ अनिता बारेला ने इटारसी थाने पहुंचकर आरोपी जीवन सिंह उईके पिता बालाराम उईके 35 वर्ष के विरूद्ध ज्यादती का मामला दर्ज कराया।

          एसडीओपी अनिल त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी अनिता बारेला पति दीपू बारेला की रिर्पोट पर इटारसी थाने में शून्य पर कायम कर केस डायरी गोपालपुर थानाजिला सीहोर भेंजी गई, जहां थाना इंचार्ज विजयराज सिंह बेस ने अपराध क्रमांक 82/18 पर धारा 396 एबी सेक्स 4/5 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को निमोटा से गिरफ्तार किया। देर शाम आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेंज दिया गया। समाचार लिखे जाने तक 1 वर्षीय मासूम का उपचार होशंगाबाद जिला अस्पताल में चल रहा था। डॉक्टरों के अनुसार मासूम के प्रायवेट पार्ट में गंभीर चोटे आई हैं।
क्या होता है पास्को एक्ट
पास्को शब्द अंग्रेजी शब्द से आता है।  
इसका पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012। 
इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है।  
यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। 
वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।
ये लगती हैं धाराएँ-
इस अधिनियम की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो। 
इसमें सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। 
पास्को एक्ट की धारा 6 के अधीन वे मामले लाए जाते हैं जिनमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गम्भीर चोट पहुंचाई गई हो। 
इसमें दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
इसी प्रकार पास्को अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। 
पास्को कानून की धारा 3 के तहत पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है। 
जिसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है। 
18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है। 
यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।  


इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है।



लेकिन अब नए कानून के तहत उसे फांसी की सजा सुनाई जा सकती है।

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