मां विजयासन धाम सलकनपुर में सोमवार सुबह 4 बजे के आसपास अचानक पहाड़ी पर बनी दुकानों में आग धधक गई। और आग की चपेट में आने से सीड़ी मार्ग पर बनीं 18 दुकाने जलकर राख हो गई। यह दुकाने माता के प्रसाद, नारियल, चुनरी, सीडी और अन्य सामानों की थी। इसमें कुछ दुकाने कोल्ड्रिंक, पीने का पानी नमकीन भी थी। जिन दुकानो में आग लगी है उनमें शिवकुमार, देवेंद्र केवट, कैलाश, अरविंद, भीमसिंह, बलराम केवट, बबलू केवट, सुषमा बाई, शंकरलाल, कामनी देवी, गणपत केवट, रघुवीर, मोनू जोशी, गोलू सिसोदिया, रामविलास केवट, जगदीश नाविक, विशाल नाविक सहित 18 दुकानदारों की दुकाने थी। जिनमें सबसे अधिक सामान गणपत केवट और मनोज केवट की दुकान में था। लगभग 2 लाख से अधिक सामान इन दोनो दुकानों में था। बाकी 16 दुकानोंं में 30 से 50 हजार का नुकसान हुआ है।
शाटसर्किट के कारण आग लगने का संदेह
मां विजयासन धाम मंदिर के सीड़ीयों से लगी इन दुकानो के पीछे मप्र विद्युत मंडल का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। इस ट्रांसफार्मर में चारो साईड जाली नही होने और लूज फिटिंग होने के कारण आए दिन चिंगारियां गिरती रहती थी। ट्रांसफार्मर के नीचे, पॉलीथीन, कागज अन्य कचरा बड़ी मात्रा में होने के कारण शाटसर्किट हुआ। और संभत: शाट सर्किट से ही आग लगी। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया। और दुकानदारों को दिलाशा दिलाई।
बड़ी दुर्घटना होते होते बची
मां विजयासन धाम सलकनपुर में सीड़ी मार्ग के दोनो ओर एक दूसरे से सटी 250 से अधिक दुकाने लगी हैं। इन सभी दुकानों में धूप से यात्रियों को बचाने के लिए पॉलीथीन के तंबू सामने बांध रखे हैं। जिन्हें रात के समय दुकान बंद करने के लिए पट के रूप में उपयोग किया जाता है। इन सभी दुकानोंं पर पॉलीथीन के तंबू बंधे हुए थे। आग का रुख सामने की ओर होता तो बड़ी दुर्घटना होने की संभावना थी। क्योंकि यहीं पर कन्वेयर रोप-वे कंपनी का रोप-वे लगा हुआ है। आग दोनो साईड लग जाती तो 200 से अधिक दुकान जलने और रोप-वे कंपनी को भारी नुकसान होने की संभावना थी। लेकिन समय रहते आग पर नियंत्रण पा लिया। और बड़ी दुर्घटना टल गई।
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