निज संवाददाता रेहटी
इस वर्ष शारदीय नवरात्र में मां विजयासन धाम शक्तिपीठ सलकनपुर में माता के भक्तों का सैलाव उमड़ता रहा। जहां 24 घंटों मे से 21 घंटे माता के दर्शन कराए जा रहे थे। मात्र 3 घंटे ही पट बंद रहते थे। शारदीय नवरात्र में 9 दिनों में अनुमानित 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने सलकनपुर आकर मां विजयासन के दर्शन किए। और आशीर्वाद मांगा। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शामिल है। जबकि पिछले साल शारदीय नवरात्र में यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब 12 लाख थी। जहां इस वर्ष ३ लाख से अधिक श्रद्धालु प्रदेश भर से सलकनपुर पहुंचे। नवरात्र में सबसे अधिक संख्या नवरात्र के पडऩे वाले पहले रविवार देखी गई। जहां 5 लाख से अधिक श्रद्धालु एक ही दिन में सलकनपुर पहुंचे थे। जहां 30 किमी तक जाम की स्थिति भी निर्मित हो गई थी।
गुरूवार को किए 50 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन
नवरात्र के नवमी पर सलकनपुर आने वाले माता के भक्तों का तांता लगा रहा। जहां गुरूवार को करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां विजयासन के दर्शन किए।
शुक्रवार को रहेगी भारी भीड़
शारदीय नवरात्र में जब जब शासकीय छुट्टी रहती है उस दिन यहां आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा दुगुना हो जाता है। जहां रविवार को छुट्टी के दिन 5 लाख श्रद्धालुओं के बाद आज शुक्रवार को विजया दशमी (दशहरा) पर्व की छुट्टी होने के कारण यहां भारी भीड़ होने की संभावना बनी हुुई है। श्रद्धालुओं की बड़ी सख्या में इस ब्लॅाग का भी है योगदान
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में इस ब्लॉग का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इस ब्लॉग का जानिए कैसे बना सलकनपुर विजयासन धाम सलकनपुर सबसे अधिक लोकप्रिय पोस्ट है। जिसे देश सहित विदेश तक के लाखों लोगों ने पढ़ा और सराहा है। साथ ही उन माता के भक्तों का भी अहम् योगदान है। जिन्होने इसे शेयर किया है। और संपूर्ण विश्व में माता के प्रचार में अपना योगदान दिया है। नवरात्र में भीड़ भाड़ से बचने के लिए कईं श्रद्धालु नवरात्र के बाद माता के दर्शन के लिए आते हैं। और इन श्रद्धालुओं की मानसिकता रहती है कि नवरात्र में भारी भीड़ के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में नवरात्र के बाद कईं श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। जिसमें प्रतिदिन की संख्या 15 से 20 हजार तक रहती है। यह संख्या बाद में भी रविवार की छुट्टी के दिन दुगुना हो जाती है। वेसे तो मां विजयासन धाम सलकनपुर में 12 महीने ही श्रद्धालु रोज आते हैं।
जानिए कैसे बना शक्तिपीठ सलकनपुर विजयासन धाम
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