Article By ANAND VISHWAKARMA

Wednesday, 27 September 2017

ममेरे भाई ने 14 वर्षीय नाबालिग बहन से किया दुस्कर्म

इस घोर कलयुग में बहन अपने भाई पर ही विश्वास कर सकती है। लेकिन अगर भाई ही उसके विश्वास को तार-तार कर दे और अपनी बहन के साथ दुष्कर्म करे तो अब बहनों का भाईयों पर से यह विश्वास उठने लगेगा। ऐसा ही वाक्या को कलंकित कर एक ममेरे भाई ने अपनी बहन के साथ सलकनपुर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। जो आपस में बुआ मामा का रिश्ता होने से आरोपी की पीडि़ता बहन लगती है। रेप पीडि़ता को बुदनी मेडिकल कराने ले जाने पर यहां पदस्थ महिला डाक्टर सालू सक्सेना की लापरवाहियां उजागर हुई है। लापरवाह महिला चिकित्सक की शिकायत बीएचएमओ को की गई है।
टीआई रंजनीकांत दुवे के अनुसार नीनोर निवासी ब्रजकिशोर केवट ग्राम नीनोर उम्र 20 वर्ष ने अपनी ही बुआ की 14 वर्षीय नाबालिग के साथ सलकनपुर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया। बताया जाता है कि आरोपी के बुआ फुफाजी राजु नगर भोपाल से नवरात्र में प्रसादी की दुकान लगाने सलकनपुर और आंवलीघाट आए थे। इनके परिवार के साथ इनकी नागलिग लडक़ी भी साथ थी। जहां आरोपी ने नाबालिग को विश्वास में लेकर और बाईक पर बैठाकर सलकनपुर के जंगल में ले गया। जहां उसके साथ आरोपी ने मुहं काला किया। घटना 25 सितंबर शाम 5 बजे की है। जहां पीडि़ता ने रेहटी थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। जहां पुलिस ने पास्को एक्ट और दुष्कर्म का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जाता है कि एक सप्ताह पूर्व ही नगर की एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म हुआ था जो आरोपी अभी जेल में है। रेहटी थाने के तहत जो दुष्कर्म के मामले होते हैं और रेहटी अस्पताल में कोई महिला डॉक्टर नही होने से बुदनी ले जाना पड़ता है। बुदनी में पदस्थ महिला डाक्टर सालू सक्सेना मेडिकल करने में आना काना करती हैं। और इस मामले में भी पुलिस को 2 घंटे तक इंतजार करवाया। उसके बाद बामुश्किल पीडि़ता का मेडिकल हो सका। इसके पहले भी नाबालिग का मेेडिकल कराने के लिए बुदनी ले जाया गया था। जहां महिला चिकित्सक ने अपने पति को बाहर भेजकर बुलवा दिया कि मैडम घर पर नही है। और होशंगावाद दूसरे जिले में ले जाकर पीडि़ता का मेडिकल क राया गया था। इस संबंध में बीएमओ डॉ बीबी देशमुख से चर्चा पर पता चला कि मेरे संज्ञान में आने के बाद मेडिकल करवा दिया गया था। वहीं सीएमएचओ आरके गुप्ता सीहोर का कहना है कि जब ऐसी परिस्थिति निर्मित होती है तो बीएमओ बुदनी को मेरे संज्ञान में लाना चाहिए। ताकी लापरवाह महिला डाक्टर पर कार्रवाई हो सके। 
क्या होता है पास्को एक्ट
पास्को शब्द अंग्रेजी शब्द से आता है।  
इसका पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012। 
इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है।  
यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। 
वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।
ये लगती हैं धाराएँ-
इस अधिनियम की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो। 
इसमें सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। 
पास्को एक्ट की धारा 6 के अधीन वे मामले लाए जाते हैं जिनमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गम्भीर चोट पहुंचाई गई हो। 
इसमें दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
इसी प्रकार पास्को अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। 
पास्को कानून की धारा 3 के तहत पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है। 
जिसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है। 
18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है। 
यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।  
इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है।


Wednesday, 20 September 2017

भूतड़ी अमावस्या पर स्नान करने आए श्रद्धालु की मौत

भूतड़ी अमावस्या पर संडदानावत तहसील सारंगपुर जिला रायसेन के सिद्धूलाल पिता मांगीलाल उम्र 74 वर्ष नर्मदा में स्नान करके कपड़े पहन रहे थे। तभी अचानक उन्हें घबराहट हुई और घाट पर ही उनकी मौत हो गई। वे पितृमोक्ष अमावस्या पर अपने पूर्वजों का तर्पण करने रायसेन जिले से आंवलीघाट आए थे। स्व. सिद्धूलाल भिलाला के पुत्र रामलाल शिक्षक ने बताया कि मेरे पिता पूरी तरह स्वस्थ थे। मृत्यु का कारण क्या रहा मुझे नही पता। पीएम के बाद सिद्धूलाल का शव परिजनों को सौंप दिया। 
पितृमोक्ष अमावस्या पर 1 लाख से अधिक ने तर्पण, स्नान दान पूजा अर्चना की आंवलीघाट मे
अमलेश्वर धाम आंवलीघाट में पितृमोक्ष अमावस्या पर मंगलवार शाम 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगना प्रारंभ हो गई थी। जो रुक-रुक कर हुई बरसात के बाद भी बुधवार शाम तक लगी रही। अपेक्षाकृत कम भीड़ रही। लेकिन फिर भी एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पितृमोक्ष अमावस्या पर आंवलीघाट पहुंचकर पितृो के लिए तर्पण किया। और दान पुण्य कर पितृमोक्ष अमावस्या मनाई। 
माता के दरबार में उमड़ा अमावस्या पर भक्तो का जन सैलाव
पितृमोक्ष अमावस्या पर मां विजयासन दरबार सलकनपुर में भी दो दिनो से माता के भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए उमड़ी है। चूंकि एक दिन बाद शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। इसलिए नवरात्र पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रथम आरती में शामिल होने के लिए भी माता के दरबार में पहुंचने लगती है। पितृमोक्ष अमावस्या पर देड़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार पहुंचकर दर्शन लाभ लिए। प्रसाद चढ़ाया और मत्था टेका। 
जत्थो में पहुंचे पदयात्रा करके आए लाखों माता के भक्त
बुधवार 3 बजे से कई जत्थो में जय माता दी के जयघोष के साथ माता का जयकारा लगाते हुए कईं जत्थो में हजारो लोग माता के दरबार पहुुंच रहे हैं। यह श्रद्धालु शारदीय नवरात्र की प्रथम आरती में भाग लेने के लिए माता के दरबार पहुंचते हैं। दरबार पहुंचने के बाद रात्रि भर माता के भजनो और जश गाकर रात्रि जागरण करते हैं। प्रात:कालीन प्रथम आरती में भाग लेकर पुण्य लाभ कमाते हैं। प्रथम आरती में भाग लेने वालों की होड़ सी लगी रहती है। शारदीय नवरात्र की प्रथम आरती में हजारों श्रद्धालु आरती लाभ लेने पहुंचते हैं। 
३०० पुलिस कर्मी और अधिकारी देख रहे हैं सुरक्षा व्यवस्था
प्रदेश के उच्चाधिकारियों से लेकर जिले के छोटे बड़े ३०० अधिकारी कर्मचारी नर्मदा तटों और मां विजयासन धाम सलकनपुर में सुरक्षा व्यवस्था में लगे हुए हैं। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। लेकिन अच्छी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कहीं कोई जाम के हालात निर्मित नही हुए। और ना ही कोई अप्रिय घटना शाम ५ बजे तक घटित हुई। प्रशासन पल पल की जानकारी अधिकारियों से ले रहा था। और उच्चाधिकारियों को अवगत कराय जा रहा था। 
विशाल भजन प्रतियोगिता सेमरी में 23 सितंबर से
निज संवाददाता रेहटी
नव जाग्रति ङ्क्षहदू दुर्गा उत्सव समिति सेमरी 37वें वर्ष विशाल भजन प्रतियोगिता का आयोजन 23 सितंबर से करने जा रहा है। यह भजन प्रतियोगिता रात्रि 10 बजे से प्रारंभ होगी। यह भजन प्रतियोगिता गायन संस्कृति और गीत के माध्यम से जागरूकता लाने वाली संस्कृति का बड़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। जिसमें क्षेत्र व प्रदेश के माने हुए सभी मंडलो को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संदेश दिया है। प्रतियोगिता में प्रथम पुरुस्कार ३१०००, द्वितीय २१०००, तृतीय ११००० चतुर्थ ५०००, विशेष ३००० रूपए है। प्रतियोगिता में क्षेत्र के निष्पक्ष और नि:स्वार्थ भाव से निर्णायको को प्रतियोगिता के परिणाम निकालने के लिए चयन समिति का गठन किया है। और समिति पूर्ण रूप से निष्पक्ष निर्णय करने पर ही पुरुस्कार वितरण करेगी। 


Sunday, 17 September 2017

अधेड़ ने बनाया मासूम छात्रा को हवस का शिकार

निज संवाददाता रेहटी anand
बड़ते घोर कलयुग में अब मासूम बच्चियां कहीं भी सुरक्षित नही है। छोटी बच्चियों को दुष्कर्म के शिकार बनाते हुए आए दिन यह बातें सुनने को मिलती है। जो एक जघन्य अपराध को जन्म देती है। ऐसे लोगों को फांसी की सजा भी मिले तो कम है। ऐसी  ही घटना नगर के एक अधेड़ ने मानवता  को तार तार करते हुए कक्षा 7वीं में पढऩे वाली 12 वर्षीय एक मासूम को बाथरूम में बुलाकर उसे अपना हवस का शिकार बनाया। और मासूम को  इतना डरा दिया कि वह दो दिन तक किसी को बता नही पाई। जब पीड़ा होने पर आपबीती अपने मम्मी पापा को बताई जहां रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उस पर धारा 376 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। घटना गांधी चौक के पास की बताई जाती है। 

थाना रेहटी के टीआई रजनीकांत दुवे ने बताया कि गांधी चौक के पास रहने वाला आरोपी रितेश गुप्ता पिता इमरतलाल गुप्ता 40  वर्ष जो दुष्कर्म की शिकार छात्रा के मकान में किराये से रहता है। जब आरोपी के बच्चों के साथ १२ वर्षीय छात्रा छत पर खेल रही थी। तब आरोपियों ने इसे बुलाकर बाथरूम में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। छात्रा को इतना डरा धमका दिया कि वह किसी को नही बताए। जब पीड़ा बडऩे पर उसने अपने मां-बाप को बताया तो अधेड़ का असली चेहरा सामने लाने के लिए उसके पिता छात्रा को लेकर रात्रि में ही थाने आए और मासूम छात्रा ने अपने साथ हुए दुराचार को पुलिस को बताया। टीआई श्री दुवे के अनुसार आरोपी ने घटना के दो दिन पहले भी छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। जहां बीती रात रिपोर्ट दर्ज करने पर आरोपी को किराए के मकान से पुलिस ने दबोच लिया। जहां पीडि़त छात्रा का मेडिकल पुलिस द्वारा होशंगावाद में करवाया गया। जब पुलिस छात्रा को रात्रि 12:30 बजे बुदनी ले गई तब वहां की महिला चिकित्सक ने दरबाजा तक नही खोला और अपने पति को बाहर भेजकर यह कहलवा दिया कि मैडम घर पर नही है। जबकि डाक्टर घर के अंदर ही थी। तब जाकर पुलिस होशंगावाद जाकर छात्रा का मेडिकल करवाया गया। गौरतलब है कि रेहटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 साल बाद भी महिला डाक्टर की नियुक्ति नही हो सकी है। महिलाओं से जुड़ी समस्याओ को लेकर सभी को बाहर जाना पड़ता है। नगर अस्पताल में एक महिला डाक्टर का होना अति आवश्यक है। 
क्या होता है पास्को एक्ट
पास्को शब्द अंग्रेजी शब्द से आता है।  
इसका पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012। 
इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है।  
यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। 
वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।
ये लगती हैं धाराएँ-
इस अधिनियम की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो। 
इसमें सात साल की सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। 
पास्को एक्ट की धारा 6 के अधीन वे मामले लाए जाते हैं जिनमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गम्भीर चोट पहुंचाई गई हो। 
इसमें दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
इसी प्रकार पास्को अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है इस धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। 
पास्को कानून की धारा 3 के तहत पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है। 
जिसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है। 
18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है। 
यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।  
इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है।

Saturday, 16 September 2017

नगर परिषद ने पट्टे वितरण में मृतको को बनाया पात्र

निज संवाददाता रेहटी Anand 
rehti nagar parishad
नगर परिषद की घोर लापरवाही उस समय उजागर होती है। जब परिषद द्वारा कराए गए प्रधानमंत्री आवास योजना में पट्टे वितरण सर्वे में नगर के 2 मृतक लोगों को पट्टे वितरण सूची में शामिल कर लिया। नगर परिषद के सर्वे की हद तो वहां हो गई जब दोनो मृतक को पट्टे वितरण में पात्र भी मान लिया। नगर के मृतक गांधी चौक निवासी छगनलाल पिता रामकिशन, बिष्णु प्रसाद पिता गिरधारीलाल दोनो की कई वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। लेकिन नगर परिषद के २०१७-१८ के सर्वे में इन मृतको का नाम शामिल है। और इनको पात्र भी मान लिया गया है। पट्टे वितरण सर्वे में दूसरी बार किए गए सर्वे में भी पात्र लोग कम है। नगर परिषद के कर्मचारियों की करतूत नगर परिषद अध्यक्ष सुनिता हरिनारायण चौहान और सीएमओ आरडी शर्मा को संज्ञान में लाने के बाद भी कोई कार्रवाई नही करना जो एक मिलीभगत उजागर होने से इंकार नही किया जा सकता है। और अपात्रों को पट्टे वितरण में पात्र मानकर नगर परिषद उन लोगों को पट्टे दिलवाने में आगे दिखाई दे रही है। पट्टा वितरण सर्वें में भी नगर परिषद अध्यक्ष के आदेश थे कि बार्ड पार्षदो को भी सर्वें में साथ लिया जाए ताकी पात्र और अपात्र का स्पष्ट हो सके।   लेकिन सर्वे करने वाले नगर परिषद के कर्मचारियों कि हठधर्मिता ने अध्यक्ष का आदेश हवा में उड़ाते हुए अपनी मनमानी की। परिणामस्वरूप पट्टे वितरण में अपात्रो से भरी सूची जारी हो गई। अपात्र लोगों को पट्टे दिलवाने में नगर परिषद के कर्मचारियों की करतूत ही मानी जा रही है। जहां कर्मचारियों ने तहसीलदार को भेजी सूची को ना ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बिना संज्ञान के भेज दी गई। कर्मचारियों ने इस बात की भी रत्ती भर की चिंता नही की कि अपात्र लोगों को पट्टे मिल जाएंगे तो पात्र लोगेंा का क्या होगा। पट्टे वितरण सूची में ऐसे कई पात्र हैं जो पट्टे के हकदार हैं लेकिन उन लोगों के नाम सूची में नही है। और जिनके पास जमीन, पक्के मकान, वाहन तक है उनके नाम पट्टे वितरण सूची में शामिल कर लिए गए हैं। इधर स्वच्छता पखबाड़े की बैठक में उपस्थित पार्षदो ने हंगामा किया कि परिषद की अध्यक्ष हमारी नही सुनती है और यहां के कर्मचारी भी हमारी नही मानते हैं और तो और बार्डों में आने वाली गरीबों की योजनाओं को भी पार्षदो को नही बताया जाता है। सर्वे सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल कर लिए हैं जिन्होने नगर से अपना मकान बेचकर बाहर शहरों में निवास कर रहे हैं। 
नागरिको ने उठाई सूची निरस्त करने की मांग
पट्टे वितरण में घोर लापरवाही उजागर होने के बाद नगर के नागरिको ने सूची निरस्त करने की मांग जिला कलेक्टर तरूण पिथोड़े और मप्र शासन के आयुक्त विवेक अग्रवाल से की है। और सर्वे किए जाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की है। 
सभी पार्षद एकजुट हुए
ढाई वर्ष पहले जब नयी परिषद बनी थी तब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि नगर में विकास की कमीं नही आएगी। लेकिन नागरिकों का दुर्भाग्य रहा कि परिषद बनने के दो वर्ष तक अध्यक्ष, पार्षद और सीएमओ विवाद में ही निकल गए। अब ढाई वर्ष शेष बचा है। जिसमें अब पार्षद लोग नगर का विकास करना चाहते हैं लेकिन पार्षदो को परिषद से सहयोग नही मिलने से वह हताश नजर आते हैं। एक दो पार्षदो ने नाम नही छापने की तर्ज पर बताया कि इस समय परिषद में अध्यक्ष, सीएमओ और कर्मचारियों के बीच कोई भी योजना आकर रह जाती है और इनकी मिलीभगत से काम को अंजाम दिया जाता है। 
नगर परिषद पर लगाए गंभीर आरोप
नगर परिषद की लापरवाही दिनोदिन उजागर होती जा रही है। इससे पहले भी समाज सेवी मनोहर लाल गुप्ता ने 30 मई 2017 को मरघट की जमीन पर कचरा घर बना दिया। जिसकी 28 लाख की लागत से बाउंड्री भी करवा दी गई। इसकी जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई तो साड़े ३ माह बाद भी समाजसेवी को जानकारी नही दी गई है। जहां उन्होने मजबूर होकर राज सूचना आयोग को शिकायत की है। नगर परिषद में हो रहे फर्जीबाड़ो को उजागर करने के लिए मनोहर लाल गुप्ता की आवाज को दवाया जा रहा है। 
क्या कहना है अधिकारियों का
मैं विश्वास दिलाता हूं कि जो पात्र हैं उनको अनिवार्य रूप से सूची में शामिल किया जाएगा। और जो अपात्र है उसको बाहर निकाला जाएगा। अभी सूची फाईनल नही हुई है जिनके नाम छूट गए हैं वह पात्र लोग मुझे आवेदन देकर अपने नाम जुड़वा सकते हैं। 
राजेंद्र जैन, तहसीलदार रेहटी
जो सूची बनी है उसमें अगर मृतको के नाम आ रहे हैं तो काट दिए जाएंगे। और सूची में अपात्र लोगों को हटाकर पात्र लोगों को शामिल किया जाएगा। 
आरडी शर्मा, सीएमओ नगर परिषद रेहटी

Wednesday, 13 September 2017

अभी-अभी तहसीलदार ने अमानक पॉलीथीन का जखीरा जब्त किया

निज संवाददाता रेहटी

रेहटी तहसील में पॉलीथीन प्रतिबंध के बाद भी बाहर से लाकर चोरी छिपे अमानक पॉलीथीन बेची जा रही थी। जहां बुधवार को तहसीलदार राजेंद्र जैन और उनके अमले में छापामार कार्रवाई कर अमानक पॉलीथीन का जखीरा बरामद किया। होशंगावाद निवासी अर्पित डोडानी के पास से 140 किलो अमानक पॉलीथीन और एक एक्टिवा होंडा स्कूटी भी जब्त की है। तहसीलदार राजेंद्र जैन के साथ छापामार कार्रवाई में पटवारी सुरेंद्र वर्मा, विनय रावत, चौकीदार जिमी सेनी, हरीओम मेहरा भी कार्रवाई में शामिल थे। होशंगावाद निवासी अर्पित डोडानी अपनी एक्टिवा स्कूटी से दुकान-दुकान पॉलीथीन खफा रहा था। जहां सूचना मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने तहसीलदार श्री जैन ने अर्पित डोडानी को पॉलीथीन बेचते हुए पकड़ा। जहां शंका होने पर कि इसका नगर में कहीं गोदाम हो सकता है कड़ी पूछताछ के बाद वह गोदाम ले जाने की बात सामने आई। और गोदाम की पॉलीथीन पकड़ी न जाए इसके लिए बार-बार झूठ बोलकर अमले को चकमा देता रहा। जहां कड़ी पूछताछ के बाद आखिरकार 1 क्विंटल  40 किलो पॉलीथीन पकडक़र राजस्व अमले ने सफलता हासिल की है। इससे पहले अस्पताल के सामने से स्कूटी से ११ किलो पॉलीथीन जब्त की थी। वहीं तहसीलदार राजेंद्र जैन ने नवरात्र को मद्देनजर रखते हुए उन्होने रेहटी तहसील के सभी व्यापारियो को चेतावनी दी है कि अगर कोई भी पॉलीथीन बेचते हुए या उसका उपयोग करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होने कोल्ड्रिंक विक्रेताओं को भी चेतावनी दी है कि अपनी कोल्ड्रिक पर एक्सपायरी डेट देखले और एक्सपायर कोल्ड्रिंक बेची गई तो उन विक्रेताओं पर भी कार्रवाई की जाएगी। 

       रेहटी तहसील को पॉलीथीन मुक्त करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं और इस कड़ी में कोई भी पॉलीथीन का उपयोग करते हुए पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। 
राजेंद्र जैन तहसीलदार रेहटी