किसान दूलीचंद की मौत पर नया सियासी माहोल गर्मा गया है कि आखिर 52 वर्षीय किसान की मौत कैसे हुई।
इस विषय में विस्तार पूर्वक नीचे लिखा गया है। जानिए पूरा सच
संवाददाता आरवी विश्वकर्मा
किसान दूली चंद की मौत का मामला मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का होने के कारण अधिक गर्मा गया है। इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। लेकिन साक्ष्य अभी भी आत्महत्या के नही मिल पा रहे हैं। जबकि कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी जाजना पहुंचकर किसान के परिजनों से भेंट की। और जानकारी ली।
किसान दूलीचंद पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का लोन बकाया था। जिसे १५ दिन पहले ही दूलीचंद ने जमाकर दूसरा लोन ले लिया था। वहीं अन्य बैंकों का बकाया अधिक होने के कारण किसान परेशान जरूर था। और इसी को लेकर अधिक शराब पी लेने की बात भी परिजन स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन किसान की मौत किन परिस्थितियों में हुई यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
दूलीचंद की मौत को लेकर कांग्रेस में गर्माया माहोल प्रशासन ने बड़ाई पुलिस व्यवस्था
क्षैत्र में कोई अप्रिय घटना न हो, जाम जैसे हालात पैदा न हो इसलिए प्रशासन ने ऐतिहात के तौर पर रेहटी पुलिस थाने में और ग्राम जाजना में पुलिस बल बड़ा दिया है। जिससे कि शांतिपूर्ण माहोल बना रहे। कंाग्रेस के कार्यकर्ता सुबह 9 बजे से ही दूलीचंद के निवास पर पहुंच गए थे। और जानकारी लेकर अपने नेताओं को दे रहे थे। 6 बजे के बाद कुणाल चौधरी और जीतू पटवारी जाजना पहुंचे।
पुलिस ने की जांच तेज
रेहटी पुलिस ने दूलीचंद मामले में जांच के आदेश तेज कर दिए। और बैंक, रिश्तेदारों से बयान लेकर दूलीचंद के मामले की निष्पक्ष जांच करने में पुलिस जुट गई है। आरंभिक जांच में किसान ने दो बैंकों से केसीसी बनवा रखा है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से 94 हजार रूपए जिसका खाता पुराना चुक्ता जमा कर पुन: लोन केसीसी का लिया है। दूसरी बैंक से 2 लाख 47 हजार रूपए का लोन लिया था जो 17 मई को जमा करा दिया है। और पुन: केसीसी लोन लिया है। यह कोई कर्जदार नही है।
दूलीचंद की मौत बीमारी से हुई है। यह आरंभिक जांच में सावित हो गया। किसी प्रकार की आत्महत्या का कोई मामला नही है। और ना ही दूलीचंद साहूकार या बैंक का कर्जदार था। केसीसी जरूर उसके नाम पर है। जिसे वह जमा कर चुका है।
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राजेंद्र जैन तहसीलदार रेहटी
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