Article By ANAND VISHWAKARMA

Wednesday, 26 July 2017

500 वर्ष पुरानी है यह शिव जी की छतरी और ऐसी ही कई रेहटी में धरोहरें

निज संवाददाता रेहटी 

नगर में पुरातत्व संपदाओं की अनदेखी वर्षों से चली आ रही है। इसी अनदेखी के कारण कई पुरातत्व धरोहरें अस्तित्व खोती जा रही है। और कईयों पर अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर उन्हें क्षति पहुंचाकर आवास बना दिए हैं। लेकिन प्रशासन इन पुरातत्व धरोहरों से अतिक्रमण नही हटा पाया है। जबकि यह पुरातत्व धरोहर ५०० साल से भी अधिक पुरानी बताई जाती है। ऐसी ही एक धरोहर जागीरदार दलीप सिंह की छतरी है जिसे ५०० साल से भी अधिक पुराना बताया जाता है। लेििकन इस धरोहर देखरेख न तो प्रशासन कर रहा है। और ना ही जागीरदार परिवार ऐसे में अतिक्रमणकारी इस पुरातत्व धरोहर के आसपास अतिक्रमण कर आवास बना रहे है। इसी पुरातत्व धरोहर के सामने जागिरदारों का एक किला था। जिसमें पुरातत्व बाबड़ी थी। इस पुरातत्व बाबड़ी की भूमि पर भी अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण कर आवास बना लिए हैं। जिसे जागिरदार अपनी भूमि बता रहे हैं। लेकिन अतिक्रमणकारी बलपूर्वक अतिक्रमण कर इन पुरातत्व धरोहरों को धीरे-धीरे नष्ट कर रहे हैं। इस ओर प्रशासन ने ध्यान नही दिया तो ये अपना अस्तित्व खो देंगी। 
नगर में ये हैं पुुरातत्व धरोहरे
नगर में पुरातत्व धरोहर के रूप में जागिरदार दलीप सिंह की छतरी, बाबड़ी, हनुमान चौैक का बजरंग मंदिर, भब्बड़ का पुरातत्व बजरंग मंदिर, नीमखेड़ी का मनोकामना हनुमान मंदिर, फूटी बाबड़ी क्षत्रिय मोहल्ले का हनुमान मंदिर, इटावा का इटावा सरकार मंदिर सहित ५ दरगाएं भी पुरातत्व धरोहरें हैं। जिनमें सिपाही बाबा की दरगाह, चमेली बाबा की दरगाह, पीर बाबा की दरगाह और इटावा में दरगाह पुरातत्व स्थलोंं में शामिल हैं। वहीं राधाकृष्ण मंदिर के सामने जागिरदारों की गड़ी भी पुरातत्व स्थल में शामिल है। इसमें जागिरदार परिवार ही निवास करर रहे हैं। लेकिन इन दरगाहों पर मानने वाले लोगोंं ने कुछ नवीनीकरण कराकर इन्हें सुरक्षित करा है। लेकिन अभी भी आवश्यकता है पुरातत्व धरोहरों को संजोने की। 
पुरातत्व धरोहर कहां कहां है इसकी जांच कराकर इनको कैसे सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सकता है। इस पर प्रशासन से चर्चा कर कदम उठाएंगे। 
आरडी शर्मा, मुख्य नगर परिषद अधिकारी

Saturday, 15 July 2017

नकली रायल्टी मामले में एक को जेल एक रिमांड पर 
दिनभर रेहटी टीआई निलंबन की चर्चा गर्म रही
नही हुई पुष्टि
निज संवाददाता रेहटी
टीआई पंकज गीते के ऑडियो टेप के वायरल होने के बाद तथा बीते दिन टीआई रेहटी के लाईन अटेच के बाद शनिवार को दिनभर अफबाहों का बाजार गर्म रहा। कि टीआई निलंबित हो गए। 
अवैध रेत मामले में दो दिनों से चल रही कार्रवाई के बाद भी ना तो नर्मदा से रेत का निकलना बंद हुआ और ना ही ट्राली से नगर में बिक्री बंद हुई। अब भी नगर में ५ हजार रूपए की एक ट्राली रेत २८ हजार रूपए का एक ट्रक रेत ६ बरास बिना रोकटोक के बेची जा रही है। यह रेत का रेट उपभोक्ताओं को भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ही अधिक चुकाना पड़ रहा है। 
रेहटी टीआई पंकज गीते के लाईन अटेच होने के बाद रेहटी पुलिस थाने का प्रभार एसआई नेमनाथ मरावी को सौंपा है। लेकिन वहीं रेहटी टीआई को लेकर तरह तरह की चर्चा व्याप्त हैं। लेकिन इन चर्चाओं की पुष्टि हो नही पा रही है। लेकिन चर्चा है कि पंकज गीते पर पुलिस विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। वहीं पुलिस अधिक्षक मनीष कपूरिया ने मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पाए गए लोगों पर कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। लेकिन वायरल ऑडियो टेप में नसरूल्लागंज, रेहटी, बुदनी के कुछ अधिकारियों के नाम का जिक्र आया है। उन पर भी प्रशासन की गाज गिर सकती है। क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री नर्मदा से पूरी तरह रेत निकालना बंद करने के निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं। और स्पष्ट तौर पर कहा है कि किसी भी हालत में नर्मदा से रेत निकालना बंद हो। और अधिकारियों ने नर्मदा घाटों पर जहां से वाहनों का आवागमन रेत निकालने के लिए किया जा रहा था। उन घाटों पर जेसीबी के माध्यम से गहरे गढ्डे खोदकर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया है। लेकिन रेत माफिया रातोरात इन गढ्डों को पूर कर रेत का परिवहन चालू कर देता है। गढ्डे खोदकर रेत का परिवहन बंद करने की कार्रवाई प्रशासन ३-४ वर्षों से कई बार चुका है। लेकिन इसके ठोस परिणाम नही निकलते। अब देखना यह है कि जांच के बाद किन किन अधिकारियों पर रेत मामले की गाज गिरती है। 
नकली रायल्टी बुक के मामले में एक को जेल भेजा
रेहटी से नकली रायल्टी पकड़ाने के मामले में दो लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। इनमें से देवेंद्र को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं एक आरोपी से पूछताछ रिमांड पर रख कर की जा रही है। और शेष आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास रेहटी पुलिस कर रही है। 

टीआई पंकज गीते के निलंबन के चर्चा के संबंध में अभी कोई लिखित या मौखिक आदेश प्राप्त नही हुए हैं। पूरे मामले की जांच किसे सौंपी गई है। इसकी जानकारी भी मुझे नही है। 
महेंद्र ङ्क्षसह मीणा, एसडीओपी बुदनी

Sunday, 2 July 2017

हरित बेल्ट और गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने हुआ महा पौध रोपण

महा पौधारोपण अभियान का शुभारंभ सोमवार को सुबह 7 बजे से शुरू हो गया था। एक साथ हुए शुभारंभ में महा पौधा रौपण अभियान में निर्धारित स्थान पर लगाए गए कर्मचारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियो के साथ पहुंचकर पौधारोपण किया। इस पौधारोपण में भारी संख्या में जन समुदाय की भागीदारी अहम् रही। नगर परिषद ने 2 हजार से अधिक पौधे 6 स्थानों पर रौपेे जिसमें प्रमुख रूप से नगर परिषद अध्यक्ष सुनिता हरिनारायण चौहान, सीएमओ आरडी शर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गजराज सिंह चौहान, रामगोपाल टैलर, डॉ आरके यादव, श्रीराम मेहता, नगर परिषद उपाध्यक्ष भगवत ङ्क्षसह ठाकुर, गजराज ङ्क्षसह पटेल, लेखापाल शेरसिंह राजपूत, उपयंत्री केआर कुशवाह, दिलीप गुप्ता, जगदीश प्रसाद चौहान सहित कई लोग शामिल थे। वहीं वन विभाग ने 20 हजार से अधिक पौधों का रौपण किया। इसके साथ ही  लोगों ने स्वयं प्रेरित होकर पौधारोपण किया। और लोगों को पौधों के प्रति जागरूक भी किया। यह पहला अभियान है जिसमें जनप्रतिनिधि, स्थानीय पंचायत और निकायों के पंच, सरपंच अध्यक्ष अधिकारी 7 बजे अपनी निर्धारित मुख्यालय पर पहुंच गए थे। और सभी ने एक साथ एक जुट होकर पौधारोपण किया। 
नर्मदा हरित बेल्ट बना एक दिन में 
नर्मदा किनारे 5 से 7 किमी क्षेत्र में पौधारोपण कर हरित बेल्ट बनाने की तैयारी जो प्रशासन 15 दिनों से कर रहा था वह सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक पूर्ण हो गई। प्रशासन के अनुसार 2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए। इनकी देखरेख और सुरक्षित रखने की व्यवस्था भी प्रशासन ने स्थानीय लोगों पर छोड़ी है। इस महा अभियान में जन अभियान परिषद, हर्टिकल्चर, कृषि विभाग, पंचायत विभाग सहित कई शासकीय विभागों की अहम् भूमिका रही। पौधारोपण में विधिवत प्रशासन ने प्रदेश स्तर के अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारी, जिले के अधिकारी, ब्लॉक अधिकारी सभी की ड्यूटी लगा रखी। जो अपनी निर्धारित ड्यूटी के अनुसार हर घंटे प्रोग्रेस की मानिटरिंग कर शासन को सूचित कर रहे थे। पहली बार मप्र में ऐसा कोई अभियान चलाया गया है जिसमें इतने बड़े पैमाने पर अधिकारियों को लगाया है और उन्होने समय देकर पौधारोपण कराया है।