Article By ANAND VISHWAKARMA

Friday, 30 September 2016

पितृमोक्ष अमावस्या पर क्षेत्र में उमड़ा आस्था का सैलाव

50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने नर्मदा में तर्पण कर पितरो को दी विदाईं

निज संवाददाता रेहटी
पितृमोक्ष भूतड़ी अमावस्या पर प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था के साथ 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को कराया स्नान। कहीं कोई अप्रिय घटना के समाचार नही है। पानी के कारण देर शाम तक नही रूक सके श्रद्धालु। दोपहर में लगातार एक घंटे तक भारी बारिश होने के कारण यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। लगातार बारिश से आनन-फानन में अपने-अपने स्थान पर जाने वालों का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं कई वाहन जाम में फंस गए। बारिश बंद होने के बाद फिर से श्रद्धालुओं की संख्या तीर्थ  स्थल आंवलीघाट पर बड़ती रही। 
अमलेश्वर धाम आंवलीघाट में पितृमोक्ष अमावस्या पर 50 हजार  से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान दान, तर्पण कर पितृो को विदाई दी। इस बार पितृ मोक्ष अमावस्या पर  2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन मालवांचल में फसलों की कटाई और खेतों की बनाई चल रही है। इस कारण मालवांचल से कम श्रद्धालु आंवलीघाट पहुुंचे। जो श्रद्धालु आंवलीघाट पहुंचने उन्होने विधिवत पितृो को विदाई दी और तर्पण किया। आंवलीघाट में 300 से अधिक पुलिसकर्मी पितृमोक्ष अमावस्या पर प्रशासन ने लगाए थे। पानी में अधिक गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए जल वेरीकेटिंग की थी। इसके बाद भी श्रद्धालु पुलिस की मौजूदगी में खुलकर नहाते रहे। 
प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने पहुंचे लाखों श्रद्धालु
विज्ञान के युग में प्रेत बाधा का कोई स्थान नही है लेकिन विश्वास के वशीभूत होकर हजारों श्रद्धालु प्रेत बाधाओं से पीडि़त लोगों को लेकर आंवलीघाट पहुंचते हैं। और यह श्रद्धालु विधिवत पूजा अर्चना के बाद पे्रत बाधा से पीडि़तों को पंडाओं की मौजूदगी में नर्मदा स्नान करवाते हैं। और प्रेत बाधा पीडि़त को छोडक़र नर्मदा में ही चली जाती है। ऐसी मान्यता कई वर्षों से चली आ रही है। तभी लाखों की संख्या में श्रद्धालु आंवलीघाट पहुंचते हैं। और घाट पर ही पंडा द्वारा बताई गई क्रिया कर प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाने के उपाय करते हैं। जिनमें से 90 फीसदी लोगों को लाभ मिलता है। ऐसा कहना है कि हेमसिंह पाटीदार देवास का। 
मां विजयासन दरबार में पितृमोक्ष अमावस्या पर पहुंचे लाखों श्रद्धालु

निज संवाददाता रेहटी
पितृ मोक्ष अमावस्या पर मां विजयासन धाम सलकनपुर में हजारों  श्रद्धालु मां विजयासन के दर्शन करने पहुंचे। और मां विजयासन के पूजा अर्चना की। और यथा श्रद्धा मन्नत मांगी। नवरात्र प्रारंभ होने से एक दिन पूर्व शुक्रवार को श्रद्धालु ५ बजे से ही मां विजयासन दरबार प्रात: कालीन आरती में शामिल होने पहुंचे थे। प्रात: कालीन आरती में 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने आरती की। और माता की आराधना की। मां विजयसान दरबार में पितृमोक्ष अमावस्या पर पूर्व में  प्रतिवर्ष 3 लाख से अधिक श्रद्धालु नर्मदा में स्नान करने के बाद मां विजयासन दरबार पहुंचते रहे हैं। लेकिन इस वर्ष भीड़ कम होने के कारण 75 हजार श्रद्धालु ही मां विजयासन दरबार पहुंचे। 
प्रशासन ने की नवरात्र की तैयारी पूर्ण
130 से अधिक पुलिसकर्मी नवरात्र में व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे। और श्रद्धालुओं की करेंगे सुरक्षा। मां विजयासन दरबार में प्रशासन ने पूर्व से ही तैयारी कर रखी है। इसलिए नवरात्र प्रारंभ होने से पहले ही एसडीएम बृजेश सक्सेना, तहसीलदार राजेंद्र जैन, स्थानीय अधिकारियों ने मां विजयासना धाम सलकनपुर को पॉलीथीन मुक्त, धार्मिक शहर बनाने के लिए अभियान चला रखा है। जिसमें पितृमोक्ष अमावस्या पर भी अभियान चलाकर 5 से अधिक दुकानदारों की दुकानों से पॉलीथीन बेग में भरे सामान को जब्त कर कार्रवाई की। क्योंकि प्रशासन पांच दिनों से प्रतिदिन दुकानदारों को हिदायत दे रहा था कि कोई भी दुकानदार पॉलीथीन बेग में या अमानक पॉलीथीन में सामान विक्रय नही करेगा। इसके बाद भी कई दुकानदार चिंरोजी, परवल, रेवड़ी, माता का सिंगार, खिलोने जैसी सामग्री का विक्रय पॉलीथीन बेग में कर रहे थे। अब प्रशासन ने एनजीटी कानुन के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। यदि अब भी दुकानदार बाज नही आते हैं तो। 
माता के दरबार में नवरात्र के एक दिन पूर्व भक्तों के दिखे अनेक रंग
माता के दरबार में नवरात्र की प्रथम आरती में शामिल होने के लिए गांव-गांव से 50 से अधिक टोलियों में अलग-अलग वेशभूषा, अलग-अलग रंग और अलग अलग साज धाज के साथ श्रद्धालु नृत्य गायन, माता के भजनों पर थिरकते पदयात्रा करके सलकनपुर पहुंचे। यह श्रद्धालु नवरात्र की प्रथम आरती में शामिल होने के लिए प्रतिवर्ष 20 वर्षों से पदयात्रा करके पहुंच रहे हैं। जिनमें शाहपुर, बरैली, खेड़ापति मंदिरसमिति के श्रद्धालु, बैतूल चौपन के श्रद्धालु भी मत्था टेक कर पहुंचे।