कहते हैं कि मां अपने बच्चे के लिए हर संभव सहायता करती है। और समय आने पर वह अपनी संतान के लिए जान भी न्यौछावर कर सकती है। ऐसा ही वाक्या शनिवार को रेहटी के गांव रतनपुर में घटित हुआ। जहांं मां ने कुए में गिरे अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। घटना गांव रतनपुर के एक किसान के खेत पर बने कुए पर शनिवार दोपहर 1:30 बजे घटी।
यह बच्चा गिरा था कुए में |
प्राप्त: जानकारी के अनुसार पूजा बाई ग्वाला पत्नि रामकिशोर ग्वाला उम्र 28 वर्ष वह अपने दो बेटो को लेकर पूजा की सास सुशीला बाई के साथ खेत पर काम करने के लिए गई थी। इसी बीच कुए से कुछ दूरी पर वह काम करने लग गई और उसका ध्यान अपने बच्चे से हट गया। छोटे बच्चे के खेल-खेल में कुए के पास पहुंचने पर वह उसमें जा गिरा। गिरने की आवाज मां पूजा को सुनाई दी और वह दौड़ी दौड़ी कुए के पास आई। उसने देखा कि उसका बेटा डूब रहा है। अपने बेटे को डूबते देख उसने भी बिना समय गवाय कुए में छल्लागं लगा दी। जहां काफी समय के बाद मां ने अपनी जान पर खेलकर बच्चे को तो बेहोशी हालत में बचा लिया। लेकिन उसको यह दुनिया छोडऩा पड़ी। पूजा को तैरते नही आता था। जब मां पूजा बच्चे को बचा रही थी तभी पास में काम कर रही पूजा की देवरानी और सास ने शोरगुल सुनकर भागकर आई तो देखा कि कुए में अपने बेटे को बचाने के लिए मां संघर्ष कर रही है। दोनो ने उनकी मदद की तब तक बहुत देर हो चुकी थी। और मां मर चुकी थी। किसी तरह कुए से बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चा भी बेहोशी हालत में था। 108 एंबुलैंस की मदद से दोनो मां बेटे को रेहटी अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टरों ने पूजा ग्वाला को मृत घोषित कर दिया। वहीं बेहोशी हालत में बच्चे के ईलाज के बाद बच्चा होश में आ गया। यह घटना इतनी तीव्र और दुखद थी कि पूजा के परिजनों ने डाक्टरों की बातों पर भी विश्वास नही किया। पूजा को रेहटी के डाक्टरों ने मृत घोषित करने के बाद भी परिजन नही माने और उन्होने अपने निजि साधन से किसी अन्य शहर में ले जाने की बात कही। और वाहन से वह मृतक पूजा को लेकर चले गए। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि किसी ने पुलिस को सूचना तक देना भी ठीक नही समझा। जहां पुलिस में मामला भी दर्ज नही हो सका है।
bachhe ki ma pooja |
महिला और बच्चे को अस्पताल लाने के बाद महिला मृत हो चुकी थी। और बच्चा बेहोशी हालत में होने से उसे इंजेक्सन देते ही वह होश में आ गया। लेकिन परिजन जिद करके उसे बाहर शहर में दिखाने के लिए तत्काल रवाना हो गए।
डॉ एसके यादव, चिकित्सक अस्पताल रेहटी