पुराने समय में लोगो के पास सिचाई के साधन जैसे नहर, ट्यूबबेल, मोटर नहीं थे। तब सिचाई के साधन कुँए, बाबड़ी और कुछ तालाब थे। तालाब से तो पानी आसानी से निकाला जा सकता था, लेकिन कुए और बाबड़ी से बड़ी मात्रा में पानी निकालने के लिए रेहट का प्रयोग किया जाता जाता था। रेहट एक चक्रे नुमा यन्त्र होता है, जो कुए में लगाया जाता था। जिसे बैलों के माध्यम से घुमाया जाता था। इसमें छोटे-छोटे लकड़ी के बॉक्स होते थे। और इनसे निकलता था सिचाई का पानी। आज से करीब 100 साल पहले रेहटी ग्राम में भी जगह-जगह कुँए और बाबड़िया थी। जिनमे से कई को अब पूर दिया गया है। इन बाबड़िया में रेहट लगा दी जाती थी ।
रेहट को घुमाते हुए बैल |
जिनके माध्यम से खेतों में सिचाई की जाती थी। इस कारण रेहट से रेहटी नगर का नाम रेहटी पड़ा है।
यहां क्लिक कर जानिए बुधनी का नाम बुधनी कैसे पड़ा
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