रेहटी -:रेऊ गावं -
मां नर्मदा के उत्तर तट पर मां साध्वी श्रीअखिलेश्वरी दीदी जी ने मां नर्मदा पुराण की कथा का प्रारंभ 69वे गणतंत्र दिवस की शुभ कामनओ के साथ किया। दीदी मां ने बताया कि जिस तरह संविधान हमे संरक्षण देते है वैसे ही नर्मदा नदी भी प्रदेश को संरक्षण देती है ।धार्मिक साधना तप स्थली होने के साथ ही
नर्मदा के तट पर ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं,जो प्रदेश की आय का महत्त्वपूर्ण कारण हैं। इस प्रकार नर्मदा नदी सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रदेश के लिए बहुत महत्व है।नर्मदा नदी का कृषि,पर्यटन,तथा उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए दीदी मां ने सभी से अनुरोध किया कि आप जिस तरह एक मां का सम्मान पूरा जीवन करते है वेसे ही मां नर्मदा की स्वच्छता को बनाकर उसे सम्मान दीजिए। क्यो की वो हमारे जीवन को संविधान के समान ही प्रदेश वासियो को संरक्षण देती है।
@ साध्वी श्री ने प्रवचन दिए कि यहां के लोग नर्मदा को यदि मैया कहते हैं तो नर्मदा भी एक मां के समान ही सदियों से यहां के लोगों का पालन-पोषण करती आई है। विशाल जंगलो से ओषधि के लिए जड़ी बूटी देकर हमे जीवन दान दिया है।इसलिए केवल एक व्यक्ति के चाहने से हम नदी को स्वच्छ नही रख सकते ।हम सभी को एकजुट। होकर मां नर्मदा की स्वच्छता बनाए रखने में मदद करनी चाहिए।धार्मिक मान्यताओं में सदियों से मां माना जाता होउसके संरक्षण के लिए हमे भी हर वो कोशिश करनी चाहिये जो उसके लिए आवश्यक है।
मां नर्मदा के उत्तर तट पर मां साध्वी श्रीअखिलेश्वरी दीदी जी ने मां नर्मदा पुराण की कथा का प्रारंभ 69वे गणतंत्र दिवस की शुभ कामनओ के साथ किया। दीदी मां ने बताया कि जिस तरह संविधान हमे संरक्षण देते है वैसे ही नर्मदा नदी भी प्रदेश को संरक्षण देती है ।धार्मिक साधना तप स्थली होने के साथ ही
नर्मदा के तट पर ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं,जो प्रदेश की आय का महत्त्वपूर्ण कारण हैं। इस प्रकार नर्मदा नदी सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रदेश के लिए बहुत महत्व है।नर्मदा नदी का कृषि,पर्यटन,तथा उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए दीदी मां ने सभी से अनुरोध किया कि आप जिस तरह एक मां का सम्मान पूरा जीवन करते है वेसे ही मां नर्मदा की स्वच्छता को बनाकर उसे सम्मान दीजिए। क्यो की वो हमारे जीवन को संविधान के समान ही प्रदेश वासियो को संरक्षण देती है।
@ साध्वी श्री ने प्रवचन दिए कि यहां के लोग नर्मदा को यदि मैया कहते हैं तो नर्मदा भी एक मां के समान ही सदियों से यहां के लोगों का पालन-पोषण करती आई है। विशाल जंगलो से ओषधि के लिए जड़ी बूटी देकर हमे जीवन दान दिया है।इसलिए केवल एक व्यक्ति के चाहने से हम नदी को स्वच्छ नही रख सकते ।हम सभी को एकजुट। होकर मां नर्मदा की स्वच्छता बनाए रखने में मदद करनी चाहिए।धार्मिक मान्यताओं में सदियों से मां माना जाता होउसके संरक्षण के लिए हमे भी हर वो कोशिश करनी चाहिये जो उसके लिए आवश्यक है।
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