Wednesday, 25 May 2016

अविश्वसनीय जीव, हो जाता है एक से अनेक

प्रकृति ने कई बार चमत्कार कर मनुष्य को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर किया हैं। आज भी कई स्थान, जीव, महामानव तथा इनके बारे में किवदंतियां ऐसी हैं जिनके रहस्यों ने मानव को हैरत में डाल रखा है। कई बुद्धीजीवी लोग इन किवदंतियों पर विश्वास नही करते हैं लेकिन जब वे इन्हें स्वयं देखते हैं तो दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जाते हैं। वह इसलिए क्योंकि ये चमत्कार और रहस्य विज्ञान के नियम इन पर लागू नही होते हैं। अतः वैज्ञानिकों का निष्कर्ष भी इन पर अधूरा है।

हालांकी यह पेज  शिव श्रंगार सांप की एक विषेश प्रजाति को लेकर है। वशीभूत करने वाले इस सांप के बारे में जानने की जिज्ञाषा षुरू से लोगों के मन में रही है। पुराणों, ग्रंथों, किताबों में सांप और उसकी मढ़ी के बारे में लिखा गया है। अभी तक मढ़ी होने के तो कोई साक्ष्य नही मिल पाए हैं। लेकिन यह पेज सांप की उस प्रजाति को लेकर है जो खुद को अपने ही समान विभिन्न रूपों में प्रगट करने की क्षमता रखता है। इस सांप की प्रजाति का नाम सीता की लठ है। जिसे इंग्लिश् में striped keelback कहते हैं। और इसके एक से कईं हो जाने के रहस्य को लेकर हजारों पुख्ता साक्ष्य भी मिले हैं। इन साक्ष्यों का कहना है कि उनको सीता की लठ दिखाई देने पर उन्होने बांस के लठ से उसे भगाने या मारने का प्रयास किया। ऐसा करने का प्रयास करते ही बिजली की रप्तार से 7 से 8 सीता की लठें विभिन्न दिशाओं से निकलने लगी और वे दरारों और छिद्रों में चली गईं। इस घटना का फोटो और वीडियो इसलिए केप्चर नही हो सका क्योंकि यह घटना अत्यंत तीव्र गति से घटित हुई। लोगों ने उन्हें खोजने का प्रयास भी किया लेकिन मूल सीता की लठ के अलावा किसी भी सीता की लठ तक वे नही पहुंच पाए।

striped keelback

16 से 18 इंच के इस प्राणी के इस रहस्य के बारे में अभी तक कोई भी टीवी चेनल, न्यूजपेपर्स, वैज्ञानिक खुलासा नही कर सके हैं। यहां तक कि यह घटना इस साइट के अलावा कहीं प्रकाशित भी नही हुई है। सीता की लठ के इस रहस्य के बारे में कई लोगों का कहना है कि वे अपनी रक्षा के लिए यह करती हैं। विभिन्न सीता की लठों के निकलने पर मारने वाले का ध्यान भटक जाता है और वह सीता की लठ इसका फायदा उठाकर अपनी जान बचा लेती है। वैज्ञानिक तर्क वाले लोगों का कहना है कि एक नही कई पहले से ही होती होंगी। लेकिन वे समुह में नही निकलती होंगी। जब कोई उन पर हमला करता है तो वह इसका सिग्नल अपने समुह को दे देती होगी। ताकी उसका बचाव हो सके। लेकिन यह तर्क भी वे कुछ फीसदी ही सही मानते हैं। क्योंकि ये उन जगहों से भी निकली हैं जहां इनके होने की कोई गुजाइंश भी न हो। हालांकी इसके एक से कई हो जाने पर शोध नही हो सका है। इसलिए यह रहस्य से भरी हुई हैं और इसे चमत्कार कहें तो कहीं गलत नही होगा।

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