विश्व के जाने-माने धर्मों में से एक बौद्ध धर्म के संस्थापक तथा प्राचीन मनोवैज्ञानिक के रूप में पहचाने जाने वाले भगवान बुद्ध का जन्म प्रतिवर्ष भारत में वेशाखी पूर्णिमा पर बुद्ध पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है।
यह जन्मोत्सव विश्व के कई देशो में भी april माह में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। बोद्ध धर्म के आज विश्व में करोड़ो अनुयायी हैं। और प्राचीन समय में मुख्यत: भारत और चीन में उनके भक्तों द्वारा बनाई गई कई बड़ी-बड़ी पाषाण प्रतिमाएं हैं। भगवान बुद्ध के जन्म पर विचार किया जाए तो उनका जन्म लगभग ५०० ई के आसपास नेपाल के लुंबनी ग्राम में हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बाद में यह अपने ध्यान और तपोबल से गौतम बुद्ध के नाम से मशहूर हुए। और इन्हे भगवान बिष्णु के अवतार में शामिल कर लिया गया। बुद्ध ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होने मनोवैज्ञानिक विधि से लोगों को ज्ञान बांटा। भगवान बुद्ध ने कई स्थानों पर जाकर लोगों को अद्भुद ज्ञान दिया। और ये क्षेत्र उनके नाम से प्रसिद्ध हो गए। मध्यप्रदेश में सांची, पचमढ़ी सहित कई स्थानों का संबंध भगवान बुद्ध से रहा है।
यह जन्मोत्सव विश्व के कई देशो में भी april माह में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। बोद्ध धर्म के आज विश्व में करोड़ो अनुयायी हैं। और प्राचीन समय में मुख्यत: भारत और चीन में उनके भक्तों द्वारा बनाई गई कई बड़ी-बड़ी पाषाण प्रतिमाएं हैं। भगवान बुद्ध के जन्म पर विचार किया जाए तो उनका जन्म लगभग ५०० ई के आसपास नेपाल के लुंबनी ग्राम में हुआ था। उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बाद में यह अपने ध्यान और तपोबल से गौतम बुद्ध के नाम से मशहूर हुए। और इन्हे भगवान बिष्णु के अवतार में शामिल कर लिया गया। बुद्ध ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होने मनोवैज्ञानिक विधि से लोगों को ज्ञान बांटा। भगवान बुद्ध ने कई स्थानों पर जाकर लोगों को अद्भुद ज्ञान दिया। और ये क्षेत्र उनके नाम से प्रसिद्ध हो गए। मध्यप्रदेश में सांची, पचमढ़ी सहित कई स्थानों का संबंध भगवान बुद्ध से रहा है।
होशंगावाद, रेहटी के करीब तहसील बुधनी भी भगवान बुद्ध की निवास स्थली रहा है। भगवान बुद्ध ने बुधनी क्षेत्र तथा यहां की गुफाओं में निवास किया था। तथा ध्यान लगाकर साधना की तथा अपने ज्ञान के माध्यम से लोगों के अज्ञानरूपी अंधकार को दूर किया। भगवान बु़द्ध के यहां होने से इस स्थल का नाम बुद्ध निवासिनी जाना जाता था। और धीरे-धीरे इसका नाम बुद्ध निवासिनी से बुधनी पड़ गया।
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