निज संवाददाता रेहटी Anand
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rehti nagar parishad |
नगर परिषद की घोर लापरवाही उस समय उजागर होती है। जब परिषद द्वारा कराए गए प्रधानमंत्री आवास योजना में पट्टे वितरण सर्वे में नगर के 2 मृतक लोगों को पट्टे वितरण सूची में शामिल कर लिया। नगर परिषद के सर्वे की हद तो वहां हो गई जब दोनो मृतक को पट्टे वितरण में पात्र भी मान लिया। नगर के मृतक गांधी चौक निवासी छगनलाल पिता रामकिशन, बिष्णु प्रसाद पिता गिरधारीलाल दोनो की कई वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। लेकिन नगर परिषद के २०१७-१८ के सर्वे में इन मृतको का नाम शामिल है। और इनको पात्र भी मान लिया गया है। पट्टे वितरण सर्वे में दूसरी बार किए गए सर्वे में भी पात्र लोग कम है। नगर परिषद के कर्मचारियों की करतूत नगर परिषद अध्यक्ष सुनिता हरिनारायण चौहान और सीएमओ आरडी शर्मा को संज्ञान में लाने के बाद भी कोई कार्रवाई नही करना जो एक मिलीभगत उजागर होने से इंकार नही किया जा सकता है। और अपात्रों को पट्टे वितरण में पात्र मानकर नगर परिषद उन लोगों को पट्टे दिलवाने में आगे दिखाई दे रही है। पट्टा वितरण सर्वें में भी नगर परिषद अध्यक्ष के आदेश थे कि बार्ड पार्षदो को भी सर्वें में साथ लिया जाए ताकी पात्र और अपात्र का स्पष्ट हो सके। लेकिन सर्वे करने वाले नगर परिषद के कर्मचारियों कि हठधर्मिता ने अध्यक्ष का आदेश हवा में उड़ाते हुए अपनी मनमानी की। परिणामस्वरूप पट्टे वितरण में अपात्रो से भरी सूची जारी हो गई। अपात्र लोगों को पट्टे दिलवाने में नगर परिषद के कर्मचारियों की करतूत ही मानी जा रही है। जहां कर्मचारियों ने तहसीलदार को भेजी सूची को ना ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी और नगर परिषद अध्यक्ष के बिना संज्ञान के भेज दी गई। कर्मचारियों ने इस बात की भी रत्ती भर की चिंता नही की कि अपात्र लोगों को पट्टे मिल जाएंगे तो पात्र लोगेंा का क्या होगा। पट्टे वितरण सूची में ऐसे कई पात्र हैं जो पट्टे के हकदार हैं लेकिन उन लोगों के नाम सूची में नही है। और जिनके पास जमीन, पक्के मकान, वाहन तक है उनके नाम पट्टे वितरण सूची में शामिल कर लिए गए हैं। इधर स्वच्छता पखबाड़े की बैठक में उपस्थित पार्षदो ने हंगामा किया कि परिषद की अध्यक्ष हमारी नही सुनती है और यहां के कर्मचारी भी हमारी नही मानते हैं और तो और बार्डों में आने वाली गरीबों की योजनाओं को भी पार्षदो को नही बताया जाता है। सर्वे सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल कर लिए हैं जिन्होने नगर से अपना मकान बेचकर बाहर शहरों में निवास कर रहे हैं।
नागरिको ने उठाई सूची निरस्त करने की मांग
पट्टे वितरण में घोर लापरवाही उजागर होने के बाद नगर के नागरिको ने सूची निरस्त करने की मांग जिला कलेक्टर तरूण पिथोड़े और मप्र शासन के आयुक्त विवेक अग्रवाल से की है। और सर्वे किए जाने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की है।
सभी पार्षद एकजुट हुए
ढाई वर्ष पहले जब नयी परिषद बनी थी तब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि नगर में विकास की कमीं नही आएगी। लेकिन नागरिकों का दुर्भाग्य रहा कि परिषद बनने के दो वर्ष तक अध्यक्ष, पार्षद और सीएमओ विवाद में ही निकल गए। अब ढाई वर्ष शेष बचा है। जिसमें अब पार्षद लोग नगर का विकास करना चाहते हैं लेकिन पार्षदो को परिषद से सहयोग नही मिलने से वह हताश नजर आते हैं। एक दो पार्षदो ने नाम नही छापने की तर्ज पर बताया कि इस समय परिषद में अध्यक्ष, सीएमओ और कर्मचारियों के बीच कोई भी योजना आकर रह जाती है और इनकी मिलीभगत से काम को अंजाम दिया जाता है।
नगर परिषद पर लगाए गंभीर आरोप
नगर परिषद की लापरवाही दिनोदिन उजागर होती जा रही है। इससे पहले भी समाज सेवी मनोहर लाल गुप्ता ने 30 मई 2017 को मरघट की जमीन पर कचरा घर बना दिया। जिसकी 28 लाख की लागत से बाउंड्री भी करवा दी गई। इसकी जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई तो साड़े ३ माह बाद भी समाजसेवी को जानकारी नही दी गई है। जहां उन्होने मजबूर होकर राज सूचना आयोग को शिकायत की है। नगर परिषद में हो रहे फर्जीबाड़ो को उजागर करने के लिए मनोहर लाल गुप्ता की आवाज को दवाया जा रहा है।
क्या कहना है अधिकारियों का
मैं विश्वास दिलाता हूं कि जो पात्र हैं उनको अनिवार्य रूप से सूची में शामिल किया जाएगा। और जो अपात्र है उसको बाहर निकाला जाएगा। अभी सूची फाईनल नही हुई है जिनके नाम छूट गए हैं वह पात्र लोग मुझे आवेदन देकर अपने नाम जुड़वा सकते हैं।
राजेंद्र जैन, तहसीलदार रेहटी
जो सूची बनी है उसमें अगर मृतको के नाम आ रहे हैं तो काट दिए जाएंगे। और सूची में अपात्र लोगों को हटाकर पात्र लोगों को शामिल किया जाएगा।
आरडी शर्मा, सीएमओ नगर परिषद रेहटी
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