Saturday, 16 July 2016

कुएं में गिरे बेटे को मां ने बचाया, लेकिन छोडऩा पड़ी उसे दुनिया

कहते हैं कि मां अपने बच्चे के लिए हर संभव सहायता करती है। और समय  आने पर वह अपनी संतान के लिए जान भी न्यौछावर कर सकती है। ऐसा ही वाक्या शनिवार को रेहटी के गांव रतनपुर में घटित हुआ। जहांं मां ने कुए में गिरे अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। घटना गांव रतनपुर के एक किसान के  खेत पर बने कुए पर शनिवार दोपहर 1:30 बजे घटी। 
यह बच्चा गिरा था कुए में
प्राप्त: जानकारी के अनुसार पूजा बाई ग्वाला पत्नि रामकिशोर ग्वाला उम्र 28 वर्ष वह अपने  दो बेटो को लेकर  पूजा की सास सुशीला बाई  के साथ खेत पर काम करने के लिए गई थी। इसी बीच कुए से कुछ दूरी पर वह काम करने लग गई और उसका ध्यान अपने बच्चे से हट गया। छोटे बच्चे के  खेल-खेल में कुए के पास पहुंचने पर वह उसमें जा गिरा। गिरने की आवाज मां पूजा को सुनाई दी और वह दौड़ी दौड़ी कुए के पास आई। उसने देखा कि उसका बेटा डूब रहा है। अपने बेटे को डूबते देख उसने भी बिना समय गवाय कुए में छल्लागं लगा दी। जहां काफी समय के बाद मां ने अपनी जान पर खेलकर बच्चे को तो बेहोशी हालत में बचा लिया। लेकिन उसको यह दुनिया छोडऩा पड़ी। पूजा को तैरते नही आता था। जब मां पूजा बच्चे को बचा रही थी तभी पास में काम कर रही पूजा की देवरानी और सास ने शोरगुल सुनकर भागकर आई तो देखा कि कुए में अपने बेटे को  बचाने के लिए मां संघर्ष कर रही है। दोनो ने उनकी  मदद की तब तक बहुत देर हो चुकी थी। और मां मर चुकी थी। किसी तरह कुए से बच्चे को बाहर निकाला तो बच्चा भी बेहोशी हालत में था। 108 एंबुलैंस की मदद से दोनो मां बेटे को रेहटी अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टरों ने पूजा ग्वाला को मृत घोषित कर दिया। वहीं बेहोशी हालत में बच्चे के ईलाज के बाद बच्चा होश में आ गया। यह घटना इतनी तीव्र और दुखद थी कि पूजा के परिजनों ने डाक्टरों की बातों पर भी विश्वास नही किया। पूजा को रेहटी के डाक्टरों ने मृत घोषित करने के बाद भी परिजन नही माने और उन्होने अपने निजि साधन से किसी अन्य शहर में ले जाने की बात कही। और वाहन से वह मृतक पूजा को लेकर चले गए। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि किसी ने पुलिस को सूचना तक देना भी ठीक नही समझा। जहां पुलिस में मामला भी दर्ज नही हो सका है। 
bachhe ki ma pooja

     महिला और बच्चे को अस्पताल लाने के बाद महिला मृत हो चुकी थी। और बच्चा बेहोशी हालत में होने से उसे इंजेक्सन देते ही वह होश में आ गया। लेकिन परिजन जिद करके उसे बाहर शहर में दिखाने के लिए तत्काल रवाना हो गए। 
डॉ एसके यादव, चिकित्सक अस्पताल रेहटी

Monday, 4 July 2016

रेहटी की सामान्य जानकारी

प्राय: ऐसा देखा गया है कि नागरिकों में अपने  नगर की महत्वपूर्ण जानकारियों का अभाव होता है। यह पेज इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतू बनाया गया है। विशेष रंग पर क्लिक करके आप उस विषय में विस्तार से जान सकते हो। 
अशोक का शिलालेख (सारू-मारू)
  • मुख्य नाम - रेहटी
  • तहसील - रेहटी
  • जिला - सीहोर
  • तहसीलदार -
  • टीआई -
  • सीएमओ -
  • अध्यक्ष -
  • बार्ड - 15 
  • जनसंख्या - 11, 611  ( 2011 ) 
  • वर्तमान जनसंख्या - 15, 000  ( लगभग)
  • तहसील से जुड़े गांव         - 102
  • मंदिरों की संख्या  - 15
  • (हनुमान मंदिर बजरंग चौक, हनुमान मंदिर अयोध्या बस्ती, राम मंदिर बजरंग चौक, राधाकृष्ण मंदिर, शिव मंदिर बस स्टैंड, शिव मंदिर ब्राम्हणपुरा, बगई माता मंदिर, हरदोल मंदिर, शनि मंदिर इंदिरा मार्ग, हनुमान मंदिर ढामंडा, हनुमान मंदिर नीमखेड़ी, हनुमान मंदिर भब्बड़, हनुमान मंदिर इटावा, महावीर स्वामी जैन मंदिर तलाई मोहल्ला बार्ड ०७, साईं मंदिर अस्पताल प्रांगण, हनुमान शिव मंदिर कोलार कॉलोनी रेहटी। )
  • मस्जिद - 3
  • (जामा मस्जिद गांधी चौक, अरीठे वाली मस्जिद, कोलार कॉलोनी वाली मस्जिद, )
  • दरगाह - 5
  • (सिपाही बाबा दरगाह कोलार कॉलोनी बाड्र्र ९, चमेली वाले बाबा दरगाह भब्बड़ नदी गेहूंखेड़ा मार्ग मुक्तिधाम के पास, पीरबाबा दरगाह दशहरा मैदान के पास, मलंगशाह दरगाह इटावा, पीरबाबा दरगाह हनुमान मंदिर बजरंग चौक। )
  • वीरान गांव - 3
  • (बोरदाखेड़ा,  भब्बड़,  गुराडख़ेड़ा।)
  • क्षेत्रीय प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल - 4
  • (विजयासन धाम सलकनपुर, शिव मंदिर,  रूद्रधाम रमगढ़ा)
  • क्षेत्रीय पुरातत्व स्थल
  • सारूमारू बिहार नकटी तलाईं गुपतेश्वर मंदिर इटारसी,  गोकर्णेश्वर मंदिर जहाजपुरा,  अमलेश्वर धाम मंदिर आंवलीघाट, पुरातत्व धरोहर नर्मदा कछार नीनोर, चंपावति नगरी, जैन पुरातत्व धरोहर चकल्दी, जागीरदारों की गड़ी गड़ी मोहल्ला रेहटी, पुरातत्व धरोहर स्थल बोरदाखेड़ा, हजारों साल पुराने शिलालेख, अवशेष और शेलचित्र 50 से अधिक गर्भगृही कंदरा (गुफा) सलकनपुर से बुदनी तक, किला गिन्नोरगढ़ बावन बावड़ी, 7 विशाल तलाव, राजा नवल शाह गोंड वशंज राजाओं के महल, रानी कमलावति का महल, और गोंडराजाओं के बड़ा देव, देलाबाड़ी आदि प्रमुख स्थान है।